कमरे से ट्यूशन के लिए निकली नाबालिग से दुष्कर्म करने के आरोप में कोर्ट ने दोषी को 10 साल की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने दोषी पर 30 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। पिता की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया था।
फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट ने साल 2019 के मामले में नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले दोषी को 10 साल की सजा सुनाई है। साथ ही अदालत ने 30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया जिसमें से 20 हजार रुपए पीड़िता को दिए जाएंगे। पीड़ित ने शिकायत दर्ज कराई थी कि विकासनगर में रह कर उनके बच्चे पढ़ाई करते थे। 2 दिसंबर 2019 को बच्चों ने अपने पिता को सूचना दी की उनकी बड़ी बेटी सुबह ट्यूशन के लिए निकली थी लेकिन वापस नहीं आई। परिजन द्वारा नाबालिग बेटी को तलाश करना शुरू किया तो इसी दौरान पिता के पास फोन आया कि उनकी बेटी बेहट सहारनपुर में है। सूचना मिलने के बाद जब पिता बेहट पहुंचा तो पता चला की विकासनगर में ही हलवाई का काम करने वाला युवक अपने साथ ले गया और वहां एक मकान में उसके साथ गलत काम किया। साथ ही किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी। पिता की तहरीर के आधार पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। शासकीय अधिवक्ता किशोर सिंह ने बताया कि मामले में सुनवाई में आरोपी के खिलाफ 10 गवाह पेश किए गए और अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा है। साथ ही कोर्ट ने आरोपी पर 30 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। जिसमें से 20 हजार रुपए पीड़िता को देने के लिए कहा गया है।