दिल्लीः अतीक अहमद की हत्या को लेकर शफीकुर्रहमान जैसे नेताओं के बयानों को आधार बनाकर पाकिस्तान ने भी भारत के खिलाफ प्रोपगेंडा शुरू कर दिया है. इसके लिए वह एक छोटे बच्चे का सहारा ले रहा है, जो अपनी वीडियो में भारतीय मुसलमानों को भड़काने का काम कर रहा है. लेकिन उसके इस दुष्प्रचार की हवा को भारतीय मुसलमानों ने ही निकाल दिया. दरअसल, संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा था कि यूपी सरकार ने अतीक को मरवाया है. ये तो जुल्म की इंतेहां हो गई. ये तो निजी दुश्मनी हो गई. मुल्क में इंसाफ नहीं रहा. अदालतों को बंद कर देना चाहिए. अदालतें तो बेकार हो गईं, ये उनके (अतीक) साथ जुल्म हुआ है.
अब इस तरह के बयानों का फायदा पाकिस्तान भी उठा रहा है. कारण, पाकिस्तान के एक बच्चे का वीडियो वायरल हो रहा है, जो यूट्यूबर है. नाम छोटा इमरान है. उसके वीडियो में भारत के खिलाफ प्रोपगेंडा साफ नजर आ रहा है. वह भारत के मुसलमानों को भड़का रहा है और कह रहा है कि भारत में मुसलमानों पर जुल्म हो रहा है. ये बच्चा खेलने कूदने की उम्र में कट्टरता का शिकार हो गया है. भारत में अतीक अहमद की हत्या को मजहब से जोड़ने की कोशिश में पाकिस्तान को मौका दिख रहा है और उसने अपने दुष्प्रचार के लाउड स्पीकर को ऑन कर दिया है.
अतीक-अशरफ हत्याकांड के शूटरों की जान को खतरा?
अपने वीडियो में छोटा इमरान नाम का यूट्यूबर कह रहा है, “अगर एक मुसलमान ने अल्लाह-हू-अकबर का नारा लगाया तो मिट्टी में मिला देगा. हिंदुस्तान का कोई संविधान नहीं. बस जय श्रीराम का नारा लगाओ और कुछ भी कर लो. अतीक अहमद और अशरफ का एनकाउंटर ये साबित करता है कि हिंदुस्तान आतंक का गढ़ है. मैं हिंदुस्तान के खिलाफ नहीं हूं, सिर्फ हिंदुस्तान के जुल्म के खिलाफ हूं.”
प्रोपगेंडा फैलाते हुए उसने कहा, “बीजेपी-आरएसएस और बजरंग दल का जुल्म वो भी सिर्फ मुसलमानों के खिलाफ क्या साबित करता है. पुलिस कस्टडी में मुसलमान महफूज नहीं, अदालत में महफूज नहीं. पहले ही खतरा बताया था. अतीक का मर्डर तो फिल्मी सीन लग रहा था. पुलिस कुछ नहीं करती, ये पहले से प्लान नहीं तो क्या है. ये हिंदुस्तान पर बड़ा सवालिया निशान है. अब देखेंगे कि हिंदुस्तान आरोपियों को क्या सजा देता है.”
अतीक के रिश्तेदार ने खोली पोल
पाकिस्तान भारत को बदनाम करने का कोई मौका नहीं छोड़ता. वो इस मामले को भारत के मुसलमानों पर अत्याचार से जोड़कर पेश कर रहा है, लेकिन उसके इस झूठ को जीशान जैसे लोग ही बेनकाब कर देते हैं. जीशान अतीक अहमद के रिश्तेदार हैं. अतीक अहमद ने इनकी जमीन पर कब्जा करने के लिए पांच करोड़ रंगदारी मांगी. पांच करोड़ ना मिलने पर अतीक के हमले का शिकार हुए. जीशान ने आजतक से बातचीत में कहा कि आज जो हमारे मुख्यमंत्री हैं यानी योगी आदित्यनाथ, मैं सोचता हूं कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ना होते, वही पुरानी सरकारें होतीं तो हम जैसों का पता नहीं चलता.
‘जमीन शाइस्ता के नाम करो वरना 5 करोड़ दो’
अतीक के इस आतंक की तुलना तालिबान से पीड़ित जीशान करते हैं. उन्होंने कहा कि अतीक से रिश्तेदारी होने के बावजूद भी रिश्तेदारी का बहुत महत्व नहीं था. रंगदारी देनी पड़ती थी. जीशान उस वाकये को याद करते हुए बताते हैं कि उस दिन मैं घर पर था कि तीन गाड़ी से अतीक के गुर्गे अली और कालिया वगैरह आए. उन्होंने मुझसे कहा कि फोन पर अतीक हैं, उनसे बात करो. अतीक ने कहा कि या तो ये जमीन शाइस्ता के नाम कर दो या फिर पांच करोड़ रुपये की रंगदारी दो. मैंने मना किया तो मुझसे मारपीट की गई. मेरा जबड़ा टूट गया था. मेरे ऊपर गोली भी चलाई गई. मैं जान बचाकर भागा. लेकिन मैंने पांच करोड़ की रंगदारी मांगने पर अतीक के बेटे अली के खिलाफ एफआईआर करा दी थी.
अब आपको बता दें कि जीशान तो फिर भी अतीक का रिश्तेदार है, लेकिन इनके जैसे न जाने कितने पीड़ित हैं, जो अतीक के आतंक से परेशान थे. ऐसे ही 6 लोगों ने आजतक से बातचीत कर अतीक की खौफनाक करतूतों के बारे में बताया. कैसे अतीक और उसके गुर्गों ने इन लोगों की जिंदगी नर्क बना दी, इसको लेकर इन सभी ने बातचीत की.
अतीक-अशरफ की हो चुकी है हत्या
बता दें कि अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की 15 अप्रैल को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हमलावरों ने ये हमला उस समय किया था, जब पुलिस दोनों को मेडिकल चेकअप के लिए अस्पताल लेकर आई थी. उसी समय पत्रकार बनकर आए हमलावरों ने अतीक और अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी थी. हमलावरों के नाम अरुण मौर्य, सनी पुराने और लवलेश तिवारी हैं. तीनों फिलहाल पुलिस की हिरासत में हैं. तीनों ने पुलिस की मौजूदगी में मीडिया के सामने अतीक और अशरफ को गोली मारी थी.