हल्द्वानी हिंसा: मलिक, बेटा मोईद और पत्नी साफिया 56 दिन में सलाखों में! तीनों की ही बनेगी ईद अब जेल में

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हल्द्वानी हिंसा के मास्टर माइंड अब्दुल मलिक, उसका बेटा अब्दुल माईद और पत्नी साफिया को पुलिस 54 दिन में पकड़कर जेल भेजने में कामयाब रही। अब अब्दुल मलिक के परिवार के तीन लोग नैनीताल और हल्द्वानी जेल में हैं। इस ईद में बाप-बेटे साथ जेल में ही ईद मनाएंगे। उधर साफिया अकेले हल्द्वानी जेल में रहेगी। हालांकि बनभूलपुरा हिंसा के अन्य सभी आरोपी हल्द्वानी जेल में बंद हैं।

हल्द्वानी हिंसा आठ फरवरी को मलिक के बगीचे के कारण हुई थी। इसलिए पुलिस ने अब्दुल मलिक और उसके बेटे को मोस्ट वांटेड बताया। उधर साफिया मलिक ने मरे हुए व्यक्ति के झूठे शपथ पत्र लगाकर और मरे व्यक्ति के नाम पर हाईकोर्ट में रिट डालकर सरकारी जमीन को हड़पने का प्रयास किया। साफिया मलिक के खिलाफ नगर निगम की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया था। बनभूलपुरा हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई थी और 150 लोग घायल हो गए थे। पुलिस ने बनभूलपुरा हिंसा के पीछे अब्दुल मलिक का हाथ बताया और कहा कि वो ही हिंसक भीड़ का नेतृत्व कर रहा था। आठ मार्च को हुई हिंसा के 16 दिन बाद यानी 24 फरवरी को पुलिस ने मलिक को गिरफ्तार कर लिया। जिस जमीन से हिंसा भड़की वह जमीन मलिक के कब्जे में थी। उस पर मलिक ने अवैध मदरसा और धार्मिक स्थल बनाया था। वहीं जमीन को छोटे-छोटे प्लाट में 50 से 100 रुपये के स्टांप में बेच रहा था। जब हिंसा से पूर्व निगम की टीम अवैध अतिक्रमण तोड़ने गई थी तो मलिक की नगर आयुक्त से तीखी बहस भी हुई थी। वह बचने के लिए राजस्थान, हिमांचल, दिल्ली सहित कई जगह भागा। पुलिस ने उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया था। बेटा अब्दुल मोईद 29 फरवरी को हुआ गिरफ्तारमोईद बनभूलपुरा हिंसा के 21 दिन बाद हुआ गिरफ्तार हुआ था। अब्दुल मलिक और अब्दुल मोईद की गिरफ्तारी दिल्ली से हुई थी। पुलिस ने अब्दुल मोईद पर भी हिंसा भड़काने, लोगों को फंड उपलब्ध कराने के आरोप लगाए हैं। अब्दुल मोईद की गिरफ्तारी भी दिल्ली से हुई थी। वह उससे पहले राजस्थान, गुजरात सहित कई जगह भागा।

हल्द्वानी हिंसा को लेकर पुलिस ने तीन एफआईआर घटना के दूसरे दिन ही दर्ज की। 22 फरवरी को नगर निगम की तहरीर पर पुलिस ने अब्दुल मलिक, उसकी पत्नी साफिया और चार अन्य लोगों के खिलाफ हल्द्वानी पुलिस स्टेशन में धारा 420, 417 और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत एक अन्य मुकदमा दर्ज किया। जिसमें उन पर आपराधिक साजिश करते हुए मृत व्यक्ति के नाम का उपयोग करके कथित तौर पर अवैध प्लॉटिंग, अवैध निर्माण और भूमि का अवैध हस्तांतरण करने का आरोप लगाया गया। साथ ही मृत व्यक्ति के नाम से शपथ पत्र बनाने, कोर्ट में रिट डालने का भी आरोप लगाया गया।
बनभूलपुरा क्षेत्र में आठ फरवरी की शाम को उस वक्त हिंसा भड़क गई थीं, जब हल्द्वानी नगर निगम और नैनीताल प्रशासन के कर्मचारियों ने दो निर्माणों को इस आधार पर गिराने गया था कि वे नजूल की भूमि पर अवैध रूप से बनाए गए हैं। 22 साल पुराने इन निर्माणों को गिराए जाने से नाराज स्थानीय लोगों ने कई वाहनों समेत बनभूलपुरा पुलिस स्टेशन में आग लगा दी थी, साथ ही प्रशासन की टीम के साथ-साथ पुलिसकर्मियों पर भी भारी पथराव किया था। इसके बाद प्रशासन ने देखते ही गोली मारने के आदेश जारी करते हुए कस्बे में कर्फ्यू लगा दिया था। इस हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई थी और 150 लोग घायल हो गए थे। अब्दुल मलिक, अब्दुल मोईद समेत 36 आरोपियों पर यूएपीए कानून के तहत कार्रवाई हुई है।

 


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