शादी का झांसा देकर पीड़िता के साथ दुराचार करने वाले को कोर्ट ने आजीवन कैद की सजा सुनाई है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुबीर कुमार की कोर्ट ने शादी का झांसा देकर पीड़िता के साथ दुराचार करने के आरोपी ओखलकांडा मूल के रोहित पलडिया को एससीएसटी एक्ट में कठोर आजीवन कारावास की सजाई सुनाई है। इसके साथ ही उस पर 40 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
दोषी रोहित पडलिया को इस धनराशि में से 30 हजार रुपये पीडि़ता को प्रतिकर के रूप में देय होंगे। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने घटनाक्रम, मौजूदा प्रमाण और विधिक नजीरों तथा आठ गवाहों के आधार पर आरोपी को सख्त सजा दिए जाने की मांग की। गवाह और सुबूत रोहित पडलिया के खिलाफ गए और अदालत ने उसे दोषी मानते हुए सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष के मुताबिक पीड़िता ने 16 फरवरी 2022 को हल्द्वानी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में उसने कहा कि वह एक निजी अस्पताल में जॉब कर अपनी आजीविका चलाकर परिवार का सहारा बनी हुई थी। आरोप है कि उसी अस्पताल में वार्ड ब्वॉय ओखलकांडा मूल के तथा हाल गौलापार काठगोदाम निवासी रोहित पडलिया ने शादी का झांसा देकर उसके साथ दो वर्ष तक दुराचार किया। एक बार वह उसे घोड़ाखाल मंदिर ले गया और उसकी मांग में सिंदूर भरकर उससे कहा अब वह उसकी अर्धांगिनी बन गई है। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद जिला न्यायाधीश ने आरोपी को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि लंबे समय तक न्यायिक अभिरक्षा में रहने पर दोषी को प्रायश्चित होगा तथा पीड़िता को न्याय मिलेगा। यही नहीं समाज में ऐसे अपराध करने वालों के लिए भी यह सबक होगा. डीजीसी सुशील शर्मा ने कहा कि वह जिला न्यायालय में चार दशक से वकालत कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि जिला न्यायालय में एससीएसटी एक्ट में आजीवन कारावास की सजा का यह पहला मामला है।