नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने शिक्षक भर्ती घोटाले में फंसे पार्थ चटर्जी को मंत्री पद से हटा दिया है। बनर्जी सरकार पाथ की गिरफ्तारी के पांच दिन बाद यह बड़ा एक्शन लिया है। बता दें कि कल दूसरी बार पार्थ की करीबी अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की थी। इस दौरान अर्पिता के दूसरे फ्लैट से ईडी को 27.9 करोड़ रुपए का कैश और पांच किलों सोना बरामद हुआ था, जिसके बाद से ही अन्य पार्टियों ने बनर्जी सरकार को घेरने की तैयारी और तेज कर दी थी।
कैश के बारे में ED के सवाल पर अर्पिता ने बताया कि ये सारे रुपए पार्थ चटर्जी के हैं। उन्होंने कहा, ‘पार्थ इस घर का इस्तेमाल रुपए रखने के लिए करते थे। मुझे अंदाजा नहीं था कि घर में इतना सारा कैश रखा होगा।’ पार्थ की करीबी इस खुलासे और पार्टी पदाधिकारियों की पार्थ को हटाने की मांग के बाद ममता सरकार ने यह फैसला लिया।
बता दें कि ममता सरकार में पार्थ चटर्जी सबसे सीनियर मंत्री थे। वो दक्षिण 24 परगना के बेहला पश्चिम सीट से पांच बार विधायक रह चुके हैं। पार्थ चटर्जी 2011 से लगातार मंत्री थे। वे 2006 से 2011 तक बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं। पार्थ के पास वर्तमान में उद्योग, वाणिज्य और संसदीय कार्य जैसे बड़े मंत्रालयों का प्रभार था। अभिषेक बनर्जी ने आज शाम अनुशासन समिति की बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि उनसे पार्टी महासचिव का पद भी छीना जा सकता है।