उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में बरसात के साथ ही जंगलों में तस्करी की घटना भी बढ़ जाती हैं। बरसात के दिनों में वन्यजीव तस्करों के सक्रिय होने की आशंका को लेकर वन विभाग ने सुरक्षा को देखते हुए ऑपरेशन मानसून की शुरुआत कर दी है। बरसात के दिनों में वनों में सशस्त्र गश्त करने के निर्देश उच्च अधिकारियों ने दिए हैं। जिसके तहत वन विभाग के कर्मचारी रात और दिन गश्त पर लगे हुए हैं और वन्यजीव तस्करों पर नजर बनाए हुए हैं।
कुमाऊं मंडल के सबसे बड़े तराई पूर्वी वन प्रभाग रेंज मे भारी संख्या में टाइगर के अलावा वन्यजीवों का आवास स्थल है। इसके अलावा जंगलों से बेशकीमती अवैध लकड़ी और उप खनिज तस्करी की भी संभावना बनी हुई है। तराई पूर्वी ,वन प्रभाग के डीएफओ हिमांशु बागड़ी के बताया कि बरसात के दिनों में वनों के आसपास आवाजाही कम हो जाती है। ऐसे में वन्यजीव तस्कर अपनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए वनों में प्रवेश कर सकते हैं। इसके लिए पहले ही वन विभाग ने एहतियात गश्त को बढ़ा दिया है। बरसात के दिनों में सशस्त्र गश्त कर ऑपरेशन मानसून चलाया जा रहा है। इस दौरान वनों के अंदर एवं अंतरराज्यीय सीमा पर गश्ती दल गश्त कर रहे हैं। उत्तराखंड के सीमांत जनपद पीलीभीत और नेपाल से लगे हुए है, सीमा पर वन कर्मियों को अधिक सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। सभी वन कर्मियों को निर्देशित किया गया है कि जहां कहीं भी अवैध शिकार,अवैध पातन या अवैध खनन की शिकायत मिल रही है,उस पर तुरंत कार्रवाई करें। साथ ही उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराए।