चम्पावत। एक ओर तो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश मे तेजी से चल रहे वैक्सीनशन कार्यक्रम के लिए स्वास्थ्य विभाग और वैक्सीनशन से जुड़े कर्मचारियों की प्रशंसा करते नही थक रहे हैं, तो वही समय-समय पर वैक्सीनशन को लेकर बड़ी लापरवाही भी सामने आ रही है।ऐसा ही एक मामला चम्पावत जिले से सामने आ रहा है,जहां मूल रूप से जिले के कनलगांव निवासी एक दंपत्ति के मोबाइल पर उनको बूस्टर डोज लगने का मैसेज आ गया,जबकि दंपत्ति ने अपनी बूस्टर डोज ली ही नही है।
बताया जा रहा है कि मूल रूप से चम्पावत के कनलगांव निवासी जगदीश चन्द्र पांडेय(73) अपनी पत्नी निरुपा पांडे(65) के साथ लगभग 1 महीने से अपने पुत्र के साथ मुम्बई में रह रहे हैं।इसी बीच दम्पत्ति कोरोना संक्रमण का शिकार हो गये और दम्पत्ति ने तय गाइडलाइन के अनुसार अपना इलाज भी मुम्बई में कराया है।इसी बीच 30 जनवरी को जगदीश चन्द्र पांडेय के मोबाइल पर कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज़ लगने का मैसेज आया।प्राप्त मेसेज में सन्देश आया कि जगदीश चन्द्र पांडे को चंपावत जिले के धौन गांव में स्वास्थ्य कर्मी बबिता महर द्वारा तथा उनकी पत्नी निरूपा पांडेय को जिला अस्पताल चम्पावत में अनीता अधिकारी नाम की कर्मचारी द्वारा वैक्सीन की बूस्टर डोज लगा दी गई है,जबकि दम्पत्ति इन दिनों मुम्बई में हैं।
ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं कि प्रधानमंत्री जिस कार्यक्रम को इतनी गम्भीरता से ले रहे हैं उस कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग इतनी लापरवाही कैसे कर रहा है।

