बंदायू। राज्यपाल को तलब करने के मामले मंे यूपी शासन ने बड़ा एक्शन लेते हुए एसडीएम विनीत कुमार और पेशकार को सस्पेंड कर दिया है। बता दें कि पिछले महीने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को समन जारी किया गया था, जिससे उनके कार्यालय को इस तरह की कार्रवाई के खिलाफ मिली संवैधानिक छूट का हवाला देना पड़ा। मामला लोदा बहेरी गांव निवासी चंद्रहास द्वारा एक अन्य व्यक्ति और राज्यपाल को पक्षकार बनाते हुए एसडीएम कोर्ट में दायर जमीन संबंधी याचिका से जुड़ा है। चंद्रहास ने आरोप लगाया कि एक रिश्तेदार ने उनकी चाची कटोरी देवी की संपत्ति अपने नाम पर लिखवा ली और बाद में जमीन बेच दी गई और बाद में सरकार ने 12 लाख रुपये का मुआवजा देकर अधिग्रहण कर लिया। याचिका पर सुनवाई करते हुए एसडीएम कुमार ने 7 अक्टूबर को यूपी राजस्व संहिता की धारा 144 के तहत जमीन खरीदने वाले व्यक्ति और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के नाम समन जारी किया था और उनके प्रतिनिधि को 18 अक्टूबर को पेश होने के लिए कहा था। 10 अक्टूबर को जब पत्र राज्यपाल आवास पहुंचा तो राज्यपाल के विशेष सचिव बद्रीनाथ सिंह ने डीएम को पत्र लिखकर कहा कि एसडीएम को बताया जाये कि राज्यपाल को समन या नोटिस जारी करना संविधान के अनुच्छेद 361 (राष्ट्रपति या राज्यपाल अपने कार्यालय की शक्तियों और कर्तव्यों के प्रयोग के लिए किसी भी अदालत के प्रति जवाबदेह नहीं है) का उल्लंघन है। जानकारी के मुताबिक, डीएम को मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपने का भी निर्देश दिया गया है।