नई दिल्ली। आगामी 18 जुलाई से मानसून सत्र शुरू होगा। सत्र शुरू होने से पहले आज राज्यसभा महासचिव पीसी मोदी ने एक नया आदेश जारी किया है। इस आदेश के अनुसार अब संसद में किसी भी तरह के धरने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सांसद किसी भी प्रदर्शन, धरना, हड़ताल, अनशन या किसी भी तरह के धार्मिक समारोह संसद भवन के परिसर में नहीं कर सकेंगे। राज्यसभा महासचिव ने इसके लिए सदस्यों का सहयोग भी मांगा है। बता दें कि इससे पहले बुधवार को लोकसभा सचिवालय ने असंसदीय शब्दों की लिस्ट जारी की थी।
वहीं इस फैसले पर विपक्ष भड़क गया है। विपक्ष के नेताओं ने ट्वीट कर अपना आक्रोश व्यक्त किया। राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के सीनियर नेता जयराम रमेश ने भी इसपर ट्वीट किया। उन्होंने आदेश की कॉपी को शेयर करते हुए लिखा, ‘विश्वगुरु का नया काम- D(h)arna मना है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी इसपर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि पीठासीन अधिकारी सदस्यों के साथ टकराव का मंच तैयार क्यों कर रहे हैं, पहले असंसदीय शब्दों पर टकराव और अब यह. ये सच में दुर्भाग्यपूर्ण है।
आप नेता संजय सिंह ने भी केंद्र सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने वीडियो जारी कर कहा कि संसद में कई शब्दों पर रोक लगा दी गई है। अब इन शब्दों के पर्यायवाची निकाल लिए गए हैं। तानाशाही नहीं बोल सकते तो मोदीशाही बोल देंगे। दादागिरी की जगह मोदी-शाहगिरी बोल देंगे। वहीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भी नए आदेश की आलोचना की। उन्होंने कहा कि क्यों ना गांधी जी की प्रतिमा को परिसर से हटा दिया जाए और आर्टिकल 19(1)A को भी मिटा दिया जाए।