नई दिल्ली। करदाता को किसी भी मूल्यांकन वर्ष में एक बार ही आयकर रिटर्न को अपडेट करने की अनुमति दी जाएगी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन जेबी मोहापात्रा ने कहा कि इस सुविधा का एकमात्र उद्देश्य यह है कि अगर कोई करदाता किसी कारणवश आइटीआर में कुछ जानकारी देने से चूक गया से हो या उससे गलती हो गई हो तो उसे सुधार का मौका मिलना चाहिए। मोहापात्रा ने कहा कि ऐसे करदाता मूल्यांकन वर्ष में एक बार अपने आइटीआर में संशोधन कर सकते हैं। केंद्र सरकार ने आगामी अप्रैल से शुरू हो रहे वित्त वर्ष के लिए पेश बजट में करदाताओं को दो वर्षों तक आइटीआर में अपडेट की सुविधा दी है।