मेरठ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मेरठ के सरधना में खेल विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी। मेजर ध्यानचंद स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के शिलान्यास के बाद मोदी ने कहा कि पहले मेरठ और आस-पास के इलाकों में अपराधी ‘अवैध कब्जे’ का टूर्नामेंट खेला करते थे और अपराधियों के डर से लोग पलायन करने के लिए मजबूर होते थे। शाम होने के बाद बहन-बेटियां घरों से बाहर नहीं निकल पाती थीं।योगी सरकार के आने के बाद से ये सारे अपराधी अब ‘जेल-जेल’ खेल रहे हैं। आज प्रदेश से अपराधी पलायन करने लगे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि पहले कोई खुद को खिलाड़ी बताता था तो लोग पूछते थे कि खेल तो ठीक है काम क्या करते हो? ऐसा माना जाता था कि फ़ौज-पुलिस में जाने के लिए खिलाड़ी बना जाता है।लोगों में खेलों के प्रति सम्मान की कमी थी जिससे खिलाड़ियों को उपेक्षा का सामना करना पड़ा। मोदी ने कहा कि जिस हॉकी ने गुलामी के दौरान भी देश का झंडा ऊंचा रखा,उसी पर पहले की सरकारों ने ध्यान नहीं दिया। दुनिया की हॉकी मैदान से टर्फ की तरफ बढ़ गयी और हम पीछे होते गए। सिर्फ हॉकी ही नहीं अन्य खेल भी भ्रष्टाचार और भाई-भतीजेवाद कि भेंट चढ़ गए थे
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 के बाद खिलाड़ियों को चार शस्त्र दिए गए- संसाधन, इंटरनेश्नल ट्रेनिंग, विदेशों में पहचान और चयन में पारदर्शिता।
प्रधानमंत्री ने मेरठ में होने वाले कुश्ती के दंगलों का भी जिक्र किया और कहा कि इनाम में मिलने वाले घी के पीपों और लड्डुओं के लिए कौन न दंगल में उतर जाए। पीएम मोदी ने कहा कि खेलो इंडिया के माध्यम से सरकार खिलाड़ियों को संसाधन दिए जा रहे हैं और देश के कोने-कोने से टैलेंट को सामने लाया जा रहा है।
इस विश्वविद्यालय का नाम हॉकी के जादूगर के नाम से मशहूर मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखा गया है। यह विश्वविद्यालय करीब 92 एकड़ जमीन पर 700 करोड़ की लागत से बनेगा इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पीएम मोदी सड़क मार्ग से मेरठ पहुंचे। इससे पहले खेल विश्वविद्यालय की आधारशिला रखने से पहले प्रधानमंत्री ने मेरठ के काली पलटन मंदिर में पूजा-अर्चना की। उन्होंने मेरठ के शहीद स्मारक पर शहीदों को श्रद्धासुमन भी अर्पित किए।