गुलाम नबी आजाद को पद्म पुरस्कार मिलने पर दो गुटों में बंटी कांग्रेस,सम्मान स्वीकारने पर कुछ नेताओ ने जताई नाराजगी

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गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों के लिए नामों का ऐलान होने के बाद कांग्रेस नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया आनी शुरु हो गई है। कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण पुरस्कार देने के ऐलान पर कांग्रेस के कई नेताओं ने नाराजगी भी व्यक्त की है। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जयराम रमेश ने ट्विट कर गुलाम नबी आजाद पर तंज कसा है।
मालूम हो कि पद्म पुरस्कारों की घोषणा के बाद से ही कांग्रेस दो टुकड़ों में बंट गई है,जहां गांधी परिवार के करीबी और राज्यसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने पुरस्कार स्वीकार करने के लिए आजाद पर कटाक्ष किया है। वहीं जी -23 समूह के दिग्गजों ने गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण पुरस्कार देने के ऐलान पर उन्हें इस पुरस्कार का योग्य बताते हुए उन्हें बधाई दी है।
दरअसल, पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य को भी पद्म भूषण देने का ऐलान किया गया था परन्तु सीपीएम के वरिष्ठ नेता ने यह सम्मान स्वीकार करने से इनकार कर दिया। भट्टाचार्य के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्विटर पर लिखा, ‘सही कदम उठाया, वह आजाद रहना चाहते हैं, न कि गुलाम’।
वहीं, जयराम रमेश के ट्वीट से कांग्रेस के कई दिग्गज नेता नाखुश नजर आ रहे हैं। G-23 नेताओं में से एक नेता ने कहा कि यह बहुत ही आश्चर्यजनक बात है कि उनकी ओर से ऐसा संदेश दिया गया है। गुलाम नबी आज़ाद ने जनता के लिए बहुत कुछ किया है। वह इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल में मंत्री थे। वह देश के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले कैबिनेट मंत्रियों में से एक रहे हैं, और पुरस्कार किसी विशेष पार्टी से नहीं हैं।
कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर लिखा कि, गुलाम नबी आजाद को पदम भूषण मिला है। बधाई हो भाईजान। विडंबना यह है कि जब देश सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान को मान्यता दे रहा है और कांग्रेस को उनकी सेवाओं की आवश्यकता नहीं है।’

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी आजाद को बधाई दी। उन्होंने कहा कि गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण से सम्मानित किए जाने पर बधाई, किसी की भी सार्वजनिक सेवा में योगदान के लिए दूसरे पक्ष की सरकार से सम्मानित होना अच्छा है।


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