नई दिल्ली: किसी व्यक्ति को जिला बदर करने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी को एक स्थान से जिलाबदर करने का आदेश उसे देश के किसी भी हिस्से में घूमने फिरने के उसके अधिकार से वंचित करता है।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी को जिलाबदर करना एक असाधारण उपाय है।
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के जालना जिले से एक व्यक्ति को दो वर्ष के लिए निष्कासित करने के दिसंबर 2020 के आदेश को निरस्त करते हुए कहा कि इस तरह के आदेश का सोच-समझकर व्यावहारिकता के साथ इस्तेमाल करना चाहिए। इस तरह का आदेश एक व्यक्ति को इस अवधि के दौरान अपने घर में रुकने की आजादी पर भी विराम लगाता है। इससे व्यक्ति अपनी आजीविका से भी वंचित हो सकता है। जस्टिस अजय रस्तोगी और अभय एस. ओका की पीठ ने एक व्यक्ति को जिलाबदर करने के आदेश के खिलाफ अपील पर यह फैसला दिया है।