धारचूला। सीमांत तहसील धारचूला में सरकार के द्वारा ओम पर्वत व आदि कैलाश के दर्शन हेलीकॉप्टर से कराए जाने के निर्णय का विरोध तेज हो गया है। आज व्यास जनजाति संघर्ष समिति के आह्वान पर दारमा, चौदास व व्यास वैली के सैकड़ों ग्रामीणों ने नगर में पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ गांधी चौक, अटल चौक, मल्ली बाजार, घटधार, तहसील रोड़ में हेली सेवा के विरोध में जमकर नारेबाजी करते हुए पर्यटन विभाग व सरकार का विरोध किया। ग्रामीणों ने तहसील मुख्यालय पहुंचकर जनसभा की जिसमेे महेंद्र बुदियाल ने कहा कि सरकार के द्वारा लिए गए निर्णय से स्थानीय लोगों के हित प्रभावित हो रहे हैं। ग्रामीणों ने लाखों रुपए का लोन लेकर क्षेत्र में होमस्टे सहित पर्यटन व्यापार के लिए वाहन आदि में पैसा खर्च किया है। दिल्ली से सेवा शुरू होने पर सभी की मुश्किल में बढ़ जाएंगी। व्यास जनजाति संघर्ष समिति के अध्यक्ष राजन नबियाल ने कहा कि पर्यटन विभाग के द्वारा हेलीकॉप्टर से आदि कैलाश ओम पर्वत दर्शन करना दुर्भाग्यपूर्ण है। क्षेत्र में पर्यटन संबंधी सभी संसाधनों को पर्यावरण अनुकूल तरीके से विकसित करना होगा। लगातार हेली उड़ने से उच्च क्षेत्र में पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रतिकूल असर पड़ने से दुर्लभ प्रजाति के जानवर हिम तेंदुआ, हिमालयन ब्लू शीप, कस्तूरी मृग, हिमालय थार एवं अन्य जीव पर भी इसका गलत असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा निर्णय वापस नहीं लेने पर तीनो घाटियों के दर्जनों गांवों में लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर दिया जाएगा। महासचिव हरीश कुटियाल ने कहा कि क्षेत्र में पर्यटन विभाग के सभी विश्राम गृहों में तालाबंदी करते हुए क्षेत्र की जनता असहयोग आंदोलन भी शुरू करेगी।