चंपावत। लोहाघाट ब्लॉक के खतेड़ा में चल रहे चार दिवसीय सतचूली महोत्सव का मां भगवती एवं मां महाकाली की भव्य रथ यात्रा निकलने के साथ समापन हो गया है। इससे पूर्व प्रातः मंदिर में मुख्य पुजारी दयानंद चिलकोटी द्वारा विशेष पूजन अर्चन किया गया। दोपहर बाद भगवती भंडार में सभी देव डांगरों की गद्दी लगाई गई, जहां महिलाओं द्वारा देव डांगरों का सिर पूजा गया एवं आरती एवं देव स्तुति की गई। देवताओं ने अवतरित होकर सभी को आशीर्वाद दिया। तदोपरान्त देवस्थली खतेड़ा में विभिन्न देवडांगरों को देवताओं के वस्त्र (रानी-बानी) पहनाई गयी। देवताओं ने अवतरित होकर धूनी की परिक्रमा की, इसके बाद अपरान्ह 3 बजे देवस्थली से मां भगवती की डोला यात्रा प्रारंभ हुई रथ में माँ भगवती के देव डांगर दलीप सिंह, मां कालिका के चंद्रकांत चिलकोटी एवं अघ्या बेताल के नारायण सिंह बोहरा विराजमान थे, जो चंवर झुलाकर भक्तों को आशीवार्द दे रहे थे। रथ के आघे विल्वादेव के धामी रमेश सिंह रावत, कालिका वीर लक्ष्मण सिंह रावत, कालेशन के धन सिंह बोहरा, गजार के गंगा सिंह रावत, रमेश सिंह बोहरा, ऐड़ी देवता के पूरन सिंह बोहरा चल रहे थे। रथ के पीछे महिलाएं वीर रस से ओतप्रोत गीत गाकर रथ ले जाने वाले देवी के जवानों को उत्साह प्रदान कर रही थी। अपरान्ह 5 बजे देवी रथ के मंदिर में पहुचने पर पूरा मंदिर परिसर माँ भगवती एवं माँ काली के जयकारों से गूंज उठा। देवीरथ के मंदिर की तीन परिक्रमा के बाद रथयात्रा का विसर्जन हुआ। मंदिर परिसर में विशाल मेला आयोजित हुआ जिसमें विभिन्न क्षेत्रों से आये हुए लोगों ने जमकर खरीदारी की और मेले का लुफ्त उठाया। मंदिर में प्रसाद वितरण के साथ चार दिवसीय महोत्सव का समापन हुआ। महोत्सव समिति संरक्षक डॉ. सुधाकर जोशी एवं अध्यक्ष ग्राम प्रधान खतेड़ा, गंगा सिंह रावत, हरीश सिंह रावत, प्रेम सिंह रावत, राजेन्द्र सिंह रावत, गिरीश चंद्र चिलकोटी, रमेश चंद्र चिलकोटी, त्रिलोक सिंह डांगी सहित खतेड़ा के समस्त युवाओं ने सहयोग किया।