उत्तराखण्ड। एक पुरानी कहावत है ‘जिसकी लाठी उसकी भैंस’। ऐसा ही कुछ उत्तराखंड परिवहन निगम में देखने को मिल रहा है। उत्तराखंड परिवहन निगम के महाप्रबंधक दीपक जैन ने कुछ दिनों पहले हड़ताल में गए संविदा कर्मियों और विशेष श्रेणी कर्मचारियों से वसूली के आदेश जारी कर दिए हैं।
रोडवेज में हड़ताल करने वाले संविदा और विशेष श्रेणी कर्मचारियों पर रोडवेज प्रबंधन सख्त हो गया है। इसके बाद प्रबंधन ने सभी मंडलीय प्रबंधकों को हड़ताल के कारण हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई हड़ताली कर्मचारियों से किये जाने के आदेश दिए हैं।
उत्तराखण्ड परिवहन निगम के महाप्रबंधक (संचालन) दीपक जैन की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि छह से नौ जनवरी तक प्रदेश के टनकपुर, रामनगर, काशीपुर, रुद्रपुर, हल्द्वानी, काठगोदाम, भवाली, अल्मोड़ा रानीखेत और देहरादून मंडल में उत्तराखंड रोडवेज संविदा विशेष श्रेणी कर्मचारी संगठन के बैनर तले हड़ताल और धरना प्रदर्शन किया गया था,वही इससे पहले पांच जनवरी को भी कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन किया है, जिससे दैनिक बस सेवाएं स्थगित हुई और यात्रियों को परेशानी हुई है, वहीं, रोडवेज को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है।
उन्होंने सभी मंडल प्रबंधक को आदेश दिए हैं कि हड़ताल से हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई की वसूली हड़तालीकर्मचारियों से की जाए।
महाप्रबंधक के इस आदेश ने सभी को चौंका दिया है और आचार संहिता के बीच इस तरह के फैसले ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है।निगम के इस फैसले के बाद से निगम की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं और निगम पर मनमानी के आरोप लग रहे हैं।
गौरतलब है कि अब तक हजारों की तनख्वाह प्राप्त कर रहे निगम के स्थाई कर्मचारी समय-समय पर किसी न किसी मांग को लेकर लगातार धरना प्रदर्शन और कार्य बहिष्कार करते रहे हैं,परंतु आज तक उन पर निगम द्वारा कभी भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। और न ही निगम को हुए नुकसान की भरपाई के लिए उनसे वसूली की गई। परंतु बेहद कम वेतन में काम करने वाले संविदा एवं विशेष श्रेणी कर्मचारी पिछले कई वर्षों से समान कार्य समान वेतन की मांग कर रहे है।अपनी वर्षों पुरानी मांग पूरी न होते देख संविदा एवं विशेष श्रेणी कर्मचारियों ने जब पहली बार कार्य बहिष्कार का फैसला किया और आचार संहिता एवं कोरोनावायरस उन्हें बीच में ही आंदोलन स्थगित करना पड़ा। उसके बाद भी निगम द्वारा गरीब कर्मचारियों का शोषण करने के उद्देश्य से उनसे भरपाई के आदेश जारी कर दिए हैं।