नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में दिवाली के मौके पर हुई आतिशबाजी से हालात बेहद खराब हो गए हैं। हालात यह हैं कि पाल्यूशन के चलते लोगों को सांस लेने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं इससे कोरोना के मरीजों को भी खतरा बताया जा रहा है। जानकारों की मानें तो दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स शनिवार सुबह भी गंभीर कैटेगरी में है। दिल्ली में एक्यूआई 533 है। शुक्रवार को दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब थी। दिल्ली के जनपथ में हवा में पीएम 2.5 की मात्रा 655.07 मापी गई थी। कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स की ऊपरी सीमा पार हो गई थी, यानी हवा इतनी जहरीली थी कि उसे मापने के लिए इंडेक्स कम पड़ गया था। बता दें कि दिल्ली ही नहीं देश के और राज्यों में भी प्रदूषण का असर दिख रहा है। इसमें उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश भी शामिल हैं। डॉक्टरों की मानें तो पटाखों से हुए प्रदूषण से लोेगों की सेहत को अच्छा-खासा नुकसान पहुंच सकता है। बुजुर्गों और जिन लोगों को कोरोना हुआ है उनके लिए तो यह प्रदूषण बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। डॉक्टरों ने कहा है कि एयर क्वालिटी इंडेक्स का स्तर बेहद खतरनाक हो गया है। जिन लोगों को फेफडों या दिल संबंधी रोग हैं उनके लिए इस हवा में सांस लेना घातक हो सकता है। प्रदूषण की वजह से सांस लेने में दिक्क्त होती है, ऐसे में जिनको पहले से ही अस्थमा या कोई और श्वसन संबंधी रोग है, उसके और बिगड़ने की आशंका है। सबसे ज्यादा खतरे में बुजुर्ग हैं। प्रदूषण से हृदय की नलिकाएं भी सूज जाती हैं, ऐसे में ब्लड क्लॉटिंग होने से दिल का दौरा पड़ने की भी आशंका हो सकती है। कोविड से ठीक हुए लोग भी खतरे में हैं। अधिकतर लोगों का कोरोना में फेफड़ों से जुड़ी तकलीफ हुई होगी, जिसका कुछ असर अब भी होगा। पटाखों की जहरीली हवा उन लोगों के फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकती है।