उत्तराखंड में बारिश के कारण स्थिति जस की तस बनी हुई है। देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र ने 21 अगस्त तक बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। अभी तक बारिश के कारण 74 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 19 लापता हैं। सरकारी तंत्र आपदा प्रभावित क्षेत्रों की स्थितियों को सामान्य करने में जुटा हुआ है।
उत्तराखंड में बीते कुछ दिनों के भीतर हुई भारी बारिश के कारण आपदा जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। आलम यह है कि इस आफत की बारिश के चलते अभी तक तमाम गांवों के साथ ही सैकड़ों परिवार प्रभावित हुए हैं। जबकि आपदा के चलते 74 लोगों की मौत, 43 लोग घायल होने के साथ ही अभी भी 19 लोग लापता हैं। जहां एक ओर प्रदेश की स्थिति सामान्य होने का नाम नहीं ले रही है तो वहीं दूसरी ओर 21 अगस्त तक प्रदेश के तमाम हिस्सों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी है जिससे स्थितियां जस की तस बने रहने की संभावना है। प्रदेश के तमाम क्षेत्रों में बने आपदा के हालात राज्य सरकार के लिए चुनौती बन गए हैं। आए दिन राज्य के किसी न किसी क्षेत्र से जान-माल के नुकसान की घटना सामने आ रही है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार 1211 मकान का कुछ हिस्सा 135 मकान का आधा हिस्सा और 42 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इसके साथ ही प्रदेश भर में 323 सड़कें अभी भी बाधित हैं। जिसमें 12 स्टेट हाईवे, 135 विलेज रोड और 160 पीएमजीएसवाई की सड़कें शामिल हैं। हालांकि इन सड़कों को खोलने के लिए 264 मशीनों को तैनात किया गया है। प्रदेश की स्थितियों के सवाल पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मॉनसून के अति सक्रियता के चलते राज्य में काफी नुकसान हुआ है जिसके तहत घर, जमीन, खेती, जनहानि, पशुओं, सड़कों, पुलों और होटल को नुकसान हुआ है। साथ ही आपदा की स्थिति बनी है। लिहाजा नुकसान का आकलन किया जा रहा है और राहत बचाव के कार्य किए जा रहे हैं। इसके साथ ही सभी जनप्रतिनिधियों से कहा गया है कि प्रभावित लोगों के साथ खड़े हों। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, आपदा प्रबंधन और जिला प्रशासन के लोग इस काम में लगे हुए हैं। हालांकि सरकार का प्रयास है कि जिन क्षेत्रों में आपदा जैसी स्थिति बनी हुई है वो क्षेत्र जल्द से जल्द सामान्य हों।