खरगौन: भारत में आज के समय कम ही ऐसे परिवार हैं जो एक साथ संयुक्त रूप से रहते हैं। वर्तमान में छोटी-छोटी बातों पर घर में विवाद शुरू होने लगता है और देखते ही देखते परिवार बिखर जाता है और अलग रहने लगता है। हालांकि, आज के समय में भी कुछ एक ऐसे परिवार देखने को मिल जाते हैं जो प्रेम भाव से एक साथ रहते हुए नजर आते हैं। इन सबके विपरीत मध्य प्रदेश में खरगोन जिले के देवड़ा में एक संयुक्त परिवार और उसमें बस आप प्रेम लोगों के लिए मिसाल बना हुआ है।
प्रेम-भाव से एक साथ रहते हैं परिवार के सभी सदस्य
देवड़ा में संयुक्त रूप से रह रहे परिवार के लोगों में से कोई भी अपने परिवार के मुखिया को नहीं छोड़ना चाहता है। यही कारण है कि यहां परिवार के सदस्यों की बढ़ती संख्या से एक ही परिवार का घर अब कालोनी में तब्दील हो गया है। यहां पर छोटे-छोटे बने कमरों में एक ही परिवार के अलग-अलग सदस्य संयुक्त रूप से एक साथ और प्रेम भाव से रहते हैं।
परिवार में मुखिया सहित कुल 75 लोग रहते हैं एक साथ
मालूम हो कि इस संयुक्त रूप से रह रहे परिवार में मुखिया सहित कुल 75 लोग रहते हैं। ये सभी लोग अपने पारंपरिक खेती बाड़ी में रहते हैं। हालांकि, इन सबके बावजूद शाम को परिवार के सभी लोग एक साथ ही रहते हैं। बामनिया परिवार का यह फालिया बुजुर्गों के आशीर्वाद और बच्चों की किलकारी से आबाद है।
विश्व परिवार दिवस पर एक साथ रहने का लिए संकल्प
इस परिवार में 70 वर्षीय मां नबली भाई मुखिया का फर्ज निभा रही है। उसकी नौ में से दो बेटियां बिहा दी गई है। बाकी छह भाइयों का परिवार एक बड़े कुनबे के रूप में रहता है। वक्त के साथ कमरे बने एक ही स्थान पर व्यवस्था है अलग-अलग हुई है परंतु एक ही छत के नीचे सलाह मशवरा वह सुख-दुख बांटते हैं। विश्व परिवार दिवस के अवसर पर इस परिवार ने एक बार फिर हमेशा साथ रहने का संकल्प लिया।
परिवार के कुल 75 सदस्यों में 35 बेटियां और 11 बेटे
परिवार की मुखिया नबली बाई का कहना है कि वह कभी अलग नहीं हो सकते। उन्होंने आगे कहा कि परिवार में कुल 75 सदस्यों में 35 बेटियां और 11 बेटे हैं। उन्होंने बताया कि परिवार के बच्चे उम्र के हिसाब से पढ़ाई कर रहे हैं। परिवार के मुखिया को खुशी इस बात की है कि परिवार का हर एक सदस्य सारे त्यौहार एक साथ मनाता है। पुत्र कैलाश बामनिया ने कहा की सभी भाई खेतों में काम करते हैं।
इस परिवार की बहुएं भी घर के कामकाज संभालने के साथ पतियों के हाथ बंटाती है। इस परिवार ने अपनी लगभग 40 एकड़ जमीन के हिसाब से वह स्वयं के सभी संसाधन जुटा रहे हैं। परिवार की एकजुटता की मिसाल इसी बात से साबित होती है कि किस भाई की कौन संतान है, पहचान पाना जरा सा मुश्किल है।