टनकपुर के छीनीगोठ गाँव में गाँव वासियों ने ग्राम प्रधान पर लगाए भ्रष्टाचार के सगीन आरोप सबूत के तौर पर कई विडियो आए सामने प्रशासन साधे बैठा है चुप्पी , जांच के नाम पर केवल होती है खानापूर्ति,ऐसे में कैसे भ्रष्टाचार मुक्त होगा उत्तराखंड ।
उत्तराखंड राज्य में डबल इंजन की सरकार चाहे सुशासन के कितने ही दावे कर ले लेकिन जमीनी हकीकत बिलकुल उल्टी है जहां उत्तराखंड की जनता आज बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त होती जा रही है वही शासन और प्रशासन मिलकर विकास के नाम पर जनता के पैसे का किस तरह दुरुपयोग करते है ये ग्राम पंचायत स्तर तक नजर आ रहा है हम बात कर रहे है चंपावत के सुदूर गाँव छीनीगोठ की , जहां कुछ दिनों पहले एक्सपोस इंडिया और आवाज़ उत्तराखंड की संयुक्त टीम ने छीनिगोथ गाँव जाकर पूरे मामले की पढ़ताल की जहां पूरा गाँव ग्राम प्रधान के खिलाफ खड़ा हुआ है ग्राम वासियों ने मीडिया को तमाम तरह के साक्ष्य उपलब्ध करवाए जिसमें एक जर्जर होता पंचायत भवन है जहां पंचायत नहीं लग सकती गाँव में एक ऐसा रास्ता है जिसके विकास के नाम पर पैसा आया मजदूरों को दिया भी गया लेकिन मौके पर रास्ता नहीं केवलझाड़िया ही मिली इसी तरह ग्राम प्रधान पूजा जोशी ने निजी स्वार्थ वश पहले से लगे सरकारी नल से महज कुछ मीटर की दूरी पर दूसरा सरकारी नल आवंटित कर लगवा दिया यही नहीं स्वयं के लिए सुलभ सौचालय भी बना दिया जिसका दरवाजा ग्राम प्रधान के बनते हुए मकान की तरफ खुलता है । प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान के तहत हर घर शौचालय की सच्ची तस्वीर इस गाँव में देखने को मिलती है जहां आज भी ऐसी कई बेटियाँ है जो बिना शौचालय के रहने को मजबूर है।
एक वर्ष पूर्व बनी हुई सड़क के उखड़ने पर ग्रामवासियों ने ग्राम प्रधान पर घटिया निर्माण कराने और भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है विडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह से सीमेंट के साथ रेता न मिलाकर मिट्टी मिला दी गयी है जिससे सड़क अब टूटने लगी है।
तीन माह पूर्व जब गाँव वासियों ने ग्राम प्रधान की शिकायत ब्लॉक में डीपीआरओ को खंड विकास अधिकारी से की तो उन्होने गाँव में दो महीने बाद जांच टीम भेजी लेकिन अफसोस जांच को एक महीना पूरा हो चुका है लेकिन अभी तक कोई रिपोर्ट नहीं आई । इस मामले को लेकर जब मीडिया टनकपुर एसडीएम के पास पहुंची तो एसडीएम हिमांशु कफलटिया ने जांच का आश्वासन तो दिया लेकिन आज तक उस जांच का पता नहीं चल पाया इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्थानीय प्रशासन इस पूरे मामले में उदासीन बैठा हुआ है जिसका जिसका खामियाजा भोले-भाले गाँववासी भुगत रहे है।
स्थानीय निवासियों के अनुसार ग्राम प्रधान पूजा जोशी के पिता जो पहले वार्ड मेंबर रह चुके है, दोनों की स्थानीय प्रशासन से गहरी साँठ गांठ है जिस कारण जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती है निष्कर्ष कुछ भी नहीं निकलता। अब देखना ये खास होगा कि कब अधिकारियों का जमीर जागेगा और कोई ईमानदार अधिकारी टनकपुर के छीनी गोठ गाँव पहुंचेगा और निष्पक्ष जांच करके जो भी इस प्रकरण में दोषी पाया जाता है उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही करेगा ।