नई दिल्ली। एक बार एअर इंडिया की घर वापसी हो गयी है। टाटा ग्रुप एअर इंडिया को 18,000 करोड़ रुपए में खरीद रहा है। इसका ऐलान फाइनेंस मिनिस्ट्री के डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (दीपम) ने किया। टाटा के हाथ एअर इंडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस की कमान आएगी। दीपम के सेक्रेटरी तुहीन कांत पांडे ने कहा कि जब एयर इंडिया विनिंग बिडर के हाथ में चली जाएगी तब उसकी बैलेंसशीट पर मौजूद 46,262 करोड़ रुपए का कर्ज सरकारी कंपनी एआईएएचएल के पास जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार को इस डील में 2,700 करोड़ रुपए का कैश मिलेगा। बता दें कि इस महीने की शुरुआत में टाटा संस और स्पाइसजेट के चेयरमैन अजय सिंह दोनों ने बोली लगाई थी। पिछले महीने रिपोर्ट आई थी कि टाटा ने ये बोली जीत ली है, जिसे केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने खारिज कर दिया। तब उन्होंने कहा था कि इस बारे में कुछ भी अंतिम रूप नहीं दिया गया है। दिसंबर 2020 में, सरकार ने एयर इंडिया की नीलामी के लिए कंपनियों को आमंत्रित किया था। चार कंपनियों ने इस नीलामी प्रक्रिया में भाग ली थी। इनमें से टाटा और स्पाइसजेट ही अंतिम चरण तक पहुंचने में सफल रहे। जहां आज एयर इंडिया का स्वामित्व टाटा को मिल गया। एयर इंडिया को अबतक 70,000 करोड़ रुपये से अधिक का घाटा हुआ है। जिसमें औसतन सरकार को हर दिन लगभग 20 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मोदी सरकार द्वारा एयर इंडिया को बेचने का यह दूसरा प्रयास था। केंद्र सरकार ने मार्च 2018 में भी एयर इंडिया को बेचने का प्रयास किया था, लेकिन तब सरकार को सफलता नहीं मिली थी।