नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के नोएडा और ग्रेटर नोएडा में वायरल फीवर का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। बीते दो दिनों में यहां बुखार से दो मासूमों की मौत हो गयी। इसमें से एक में डेंगू की पुष्टि हुई है। आंकड़ों की मानें तो जिले में 20 से 25 मरीज बुखार से दम तोड़ चुके हैं। बता दें कि 18 और 19 अक्टूबर को बुखार से दो बच्चों की मौत हो गई। घरवालों ने मौत की वजह डेंगू बताया था, हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने अब तक कोई जांच नहीं की। लिहाजा मृतक बच्चों में डेंगू की पुष्टि नहीं हो सकी है। अब तक बुखार से तीन बच्चों की मौत हो चुकी है। यह तीनों बच्चे 10 से 14 वर्ष की उम्र के थे। इनमें एक बच्चे में डेंगू की पुष्टि हुई। वहीं अबतक करीब 66 फीसदी से अधिक बच्चे डेंगू की चपेट में आ चुके हैं। चाइल्ड पीजीआई की कार्यवाहक निदेशक डॉ. ज्योत्सना मदान ने बताया कि डेंगू के रोज 15 से 20 बच्चे भर्ती हो रहे हैं। ठीक होने पर डिस्चार्ज भी किया जा रहा है, लेकिन लगातार डेंगू मरीज आ रहे हैं। कभी कम कभी ज्यादा हो रहे हैं। अभी स्थिति पहले जैसी ही है कुछ परिवर्तन नहीं देखने को मिला है। लेकिन अच्छी बात यह है कि अब तक यहां पर किसी डेंगू पीड़ित बच्चे की मौत नहीं हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, शहर में डेंगू मरीजों का आंकड़ा 300 के करीब पंहुच गया है। बीते 24 घंटे में 12 नए डेंगू मरीज मिलने से संख्या 287 हो गई है। अस्पतालों में डेंगू, बुखार के मरीजों से बेड भरे हुए हैं। प्लेटलेट्स और खून की मांग भी बढ़ती जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक डेंगू से मृत बच्चे के घर के आसपास के इलाकों में एक सप्ताह तक फॉगिंग की जाएगी। एंटी लार्वा का छिड़काव करके डेंगू से बचाव की अपील की जा रही है। डेंगू मरीजों के आंकड़े छुपाने के मामले में स्वास्थ्य विभाग निजी अस्पतालों को नोटिस जारी कर सकता है।