नई दिल्ली। आयकर विभाग ने विगत 6 अक्तूबर को हैदराबाद स्थित एक प्रमुख फार्मास्यूटिकल समूह पर तलाशी और जब्ती अभियान चलाया। यह फार्मास्यूटिकल समूह इंटरमीडिएट्स, एक्टिव फार्मास्यूटिकल इनग्रेडियंट्स (एपीआई) तथा फार्मूलेशन के व्यवसाय से जुड़ा है। अधिकांश उत्पाद विदेशों अर्थात् अमेरिका, यूरोप, दुबई एवं अन्य अफ्रीकी देशों में निर्यात किए जाते हैं। तलाशी अभियान छह राज्यों के लगभग 50 स्थानों पर चलाया गया। तलाशी के दौरान उन गुप्त ठिकानों की पहचान की गई, जहां बही खातों के दूसरे सैट तथा नकदी पाए गए थे। डिजिटल मीडिया, पेनड्राइव, दस्तावेज आदि के रूप में आपत्तिजनक साक्ष्य प्राप्त हुए हैं और उन्हें जब्त कर लिया गया है। आपत्तिजनक डिजिटल साक्ष्य एसएससी समूह के रखरखाव वाले एसएपी @ ईआरपी सॉफ्टवेयर से एकत्र किए गए। इन तलाशियों के दौरान, नकली और गैर-मौजूद निकायों से की गई खरीदों में विसंगतियां तथा व्यय के कुछ शीर्षों में कृत्रिम बढ़ोत्तरी पाई गई। इसके अतिरिक्त, भूमि की खरीद के लिए धन के भुगतान के साक्ष्य भी मिले। कई अन्य कानूनी मुद्दों की भी पहचान की गई जैसे कि व्यक्तिगत खर्चों को कंपनी के बही खातों में प्रदर्शित किया गया तथा संबंधित पक्षों द्वारा सरकारी पंजीकरण मूल्य से कम पर जमीन की खरीद की गई। तलाशी के दौरान कई बैंक लॉकर पाए गए हैं, जिनमें से 16 लॉकर परिचालित किए गए हैं। इन तलाशियों में अभी तक 142.87 करोड़ रुपए के बराबर की बेहिसाबी नकदी जब्त की गई है। ऐसा अनुमान है कि अभी तक लगभग 550 करोड़ रुपए के बराबर की बेहिसाब आय का पता चला है।