नई दिल्ली। आज विजयादशमी के मौके पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर स्थित मुख्यालय में शस्त्र पूजन किया। इस दौरान उन्होंने नशा, जनसंख्या आदि मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने अपने संबोधन में नशे पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ‘ओटीटी प्लेटफॉर्म पर क्या दिखाया जाता है, इस पर कोई नियंत्रण नहीं है कोरोना के बाद बच्चों के पास भी फोन हो चुके हैं। देश में तरह-तरह के नशीले पदार्थों का प्रयोग बढ़ रहा है इसे कैसे रोका जाए किसी को पता नहीं है। कहा कि उच्च वर्ग से लेकर समाज के आखिरी आदमी तक हर स्तर पर भयंकर नशे की लत है। नशे के कारोबार से आने वाले पैसे का इस्तेमाल राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में किया जाता है। सीमा पार के देश उसे प्रोत्साहन देते हैं। भागवत ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कहा कि, जनसंख्या नीति पर एक बार फिर से विचार किया जाना चाहिए। 50 साल आगे तक का विचार कर नीति बनानी चाहिए और उस नीति को सभी पर समान रूप से लागू करना चाहिए, जनसंख्या का असंतुलन देश और दुनिया में एक समस्या बन रही है। कहा कि, “जिस दिन हम स्वतंत्र हुए उस दिन स्वतंत्रता के आनंद के साथ हमने एक अत्यंत दुर्धर वेदना भी अपने मन में अनुभव की, और वो दर्द अभी तक गया नहीं है। अपने देश का विभाजन हुआ, अत्यंत दुखद इतिहास है वो, परन्तु उस इतिहास के सत्य का सामना करना चाहिए, उसे जानना चाहिए। उन्होंने कहा कि, जिस शत्रुता और अलगाव के कारण विभाजन हुआ उसकी पुनरावृत्ति नहीं करनी है। पुनरावृत्ति टालने के लिए, खोई हुई हमारे अखंडता और एकात्मता को वापस लाने के लिए उस इतिहास को सबको जानना चाहिए। खासकर नई पीढ़ी को जानना चाहिए।