दिल्ली। सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने प्रमोशन में आरक्षण मामले में हस्तक्षेप करने से साफ तौर पर इनकार करते हुए मानकों में बदलाव से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि प्रमोशन में आरक्षण का कुछ आधार होना चाहिए और आधार का समर्थन करने वाले आंकड़े होने चाहिए। साथ ही समय-समय पर इन आंकड़ों की समीक्षा भी होनी चाहिए। केंद्र सरकार को चाहिए कि समीक्षा की अवधि भी तय करे।
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने पहले के फैसलों में जो आरक्षण के पैमाने तय किए हैं,हम उनमें छेड़छाड़ नहीं कर सकते हैं। इसके साथ ही सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को आंकड़े जुटाने के आदेश दिए है।
जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने मामले की सुनवाई की। मामले की अगली सुनवाई अब 24 फरवरी को होगी।
बात दें कि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर पिछले साल अक्टूबर महीने में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बीआर गवई की तीन सदस्यीय पीठ इस मामले पर अपना फैसला सुनाया।