उत्तराखण्ड में साप्ताहिक बंदी खत्म हुए 2 साल हो गए है परंतु अभी तक इसे लागू नही किया गया है।
आरटीआई कार्यकर्ता और आम आदमी पार्टी के जिला समन्वयक दीपक भट्ट द्वारा आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी के बाद इस बात का खुलासा हुआ है। दीपक भट्ट द्वारा मांगी गई सूचना पर श्रम प्रवर्तन अधिकारी मीनाक्षी भट्ट ने शासनादेश की प्रति उन्हें दी है,जिसके आधार पर लगभग 2वर्ष पूर्व ही उत्तराखण्ड सरकार द्वारा साप्ताहिक बंदी को समाप्त कर दिया गया।शासनादेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि जिस संस्थान में 10 से कम व्यक्ति काम करते हैं उन्हें श्रम विभाग में पंजीकरण की आवश्यकता नही है।
अब इस मामले के सम्बंध में आरटीआई कार्यकर्ता और आप नेता ने जिलाधिकारी को पत्र लिखा है और कहा कि शासनादेश जारी होने के बाद भी जिले में साप्ताहिक बंदी जारी रहना न्यायसंगत नही है।