देहरादून। रोडवेज संविदा विशेष श्रेणी कर्मचारी संगठन ने परिवहन निगम की दोहरी नीति की आलोचना की है। संगठन की ऑनलाइन वर्चुअल बैठक आयोजित की गई। बैठक में परिवहन निगम की दोहरी नीति पर कड़ा विरोध जताया गया। संगठन का कहना है कि हड़ताल पर गए अस्थाई कर्मचारियों से वसूली के निर्देश महाप्रबंधक द्वारा दिए गए हैं जबकि नियमित कर्मचारी समय-समय पर किसी ने किसी मांग को लेकर लगातार धरना प्रदर्शन और कार्य बहिष्कार करते रहते हैं। आज तक उनसे कोई भी वसूली नहीं की गई ना ही कोई कार्रवाई की गई। बेहद कम वेतन पाने वाले संविदा विशेष श्रेणी कर्मचारी कई वर्षों से समान कार्य समान वेतन की मांग कर रहे हैं। मालूम हो कि 2018 में उच्चतम न्यायालय द्वारा आदेश कर समान वेतन का लाभ इन कर्मचारियों को देने को कहा है। महाप्रबंधक के कटौती के निर्देश को देख सभी अस्थाई कर्मचारी बहुत ही आक्रोश में है। राज्यपाल एवं चुनाव आयोग को पत्र भेजकर कोविड-गाइडलाइन एवं चुनाव आचार संहिता का पालन करते हुए चुनाव ड्यूटी बहिष्कार आंदोलन कर सामूहिक अवकाश या कार्य बहिष्कार की सूचना और अनुमति मांगी जाएगी। बैठक में कार्यकारिणी प्रदेश अध्यक्ष महेश पांडे द्वारा कहा गया कि वसूली के आदेश से चालक परिचालक तनावग्रस्त है। जिससे कोई भी दुर्घटना आदि हो सकती है जिससे इनकम पर भी प्रभाव पड़ेगा। महामंत्री गोकुल सिंह ने कहा कि पूरे प्रदेश में सभी विभागों में महीनों तक हड़ताल हुई और कोई कार्रवाई नहीं की गई। 5 जनवरी से कार्य बहिष्कार किया गया। 4 जनवरी को महाप्रबंधक से फोन द्वारा वार्ता में प्रबंधक महाप्रबंधक द्वारा 7 जनवरी को शाम 5:15 पर 11 जनवरी का समय दिया गया। इस हड़ताल के लिए उकसाया गया और रोकने की कोई कोशिश नहीं की गई ।बैठक में प्रदेश उपाध्यक्ष विरेंद्र सिंह सिंगवाल द्वारा कहा गया कि महाप्रबंधक द्वारा जो यह तुगलकी फरमान जारी किया है इसका हम सभी संविदा विशेष श्रेणी कर्मचारी पूरे प्रदेश में विरोध करते हैं। बैठक में संगठन मंत्री दिनेश जोशी,उप मंत्री भगवती ध्यानी, राहुल वर्मा, भुवन शर्मा, राजू आर्य, संजय नेगी, संतोष कुमार, दान सिंह परिहार,बृजेश परिहार, हेम सती, कैलाश भट्ट,कुशल प्रजापति,राजेश यादव आदि ऑनलाइन उपस्थित थे।