नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में आयोजित भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की 60 वीं स्थापना दिवस परेड की सलामी ली। इस अवसर पर आईटीबीपी के महानिदेशक समेत बल के वरिष्ठ अधिकारी और जवान भी उपस्थित थे। श्री राय ने कहा किहिमालय की विषम परिस्थितियों में आईटीबीपी जवानों के हौसले और कर्तव्यपरायणता की कोई मिसाल नहीं हैI देश को आपकी वीरता पर गर्व हैI केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री ने कहा कि देश और दुनिया ने देखा जब वर्ष 2020 में ईस्टर्न लद्दाख मेंभारत और चीन की सीमा पर झड़पें हुईं तो आईटीबीपी के जवानों ने कैसे दुश्मनों से दिन-रात लोहा लेकर उनके दांत खट्टे कर दिए I आईटीबीपी ने इस ‘ऑपरेशन स्नो लेपर्ड’ के माध्यम से ये साबित कर दिया है कि देश की सीमाओं की सुरक्षा में आईटीबीपी अद्वितीय है Iउन्होने कहा कि देश को इस बात का गर्व है कि आईटीबीपी के 23 जवानों को इस साल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बहादुरी के पुलिस पदकों से सम्मानित करने की घोषणा की गई जिनमें 20 जवानों को ‘ऑपरेशन स्नो लेपर्ड’ में वीरता के लिए ये पदक प्रदान किए गएI कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश की सीमा सुरक्षा पर बल दिया गया तथा सुरक्षा बलों को परिस्थितियों के अनुसार निर्णय लेने की स्वतंत्रता दी गई जिससे उनका मनोबल बढ़ा I श्री राय ने कहा कि माननीय गृह मंत्री जी ने सीमा की सुरक्षा में लगे सभी बलों को साजो-सामान से सुस्सज्जित करने पर जोर दिया तथा उनकी जानकारी में जो भी विषय लाये गए उस पर विचार किया गया ताकि सीमा प्रहरी सक्षम हों और किसी भी परिस्थिति में विजय हो I श्री राय ने कहा कि आईटीबीपी अपनी बहुमुखी योग्यता और बहुआयामी कार्यक्षेत्र में कर्तव्य परायणता के लिए जानी जाती है। सीमा चौकसी हो या हिमालय श्रृंखला के सर्वोच्च शिखरों पर आरोहण, एन्टी -नक्सल आपरेशन हो या फिर आंतरिक सुरक्षा ड्यूटी, प्रत्येक क्षेत्र में आईटीबीपी ने देश सेवा की अमिट छाप छोड़ी है।छत्तीसगढ़ के नक्सल क्षेत्रों में आईटीबीपी ने वर्ष 2009 से अब तक कई सफल अभियानकिये हैं I 2018 से अब तक विभिन्न अभियानों में 6 नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया, 71 को पकड़ा गया और 187 ने आत्मसमर्पण कर दिया I इस दौरान भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद किये गए I कहा कि मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने सीमा सुरक्षा की चौकसी को तकनीक के माध्यम से सशक्त बनाया है और इसमें अत्याधुनिक और शोध आधारित प्रणालियों को शामिल किया है जिससे सीमा पर होने वाली किसी भी गतिविधि पर पैनी नजर रखी जा रही है।इससेसुरक्षा बल सशक्त और सक्षम हुए हैंI अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जहां जहां गैप्स हैं,उनको भरने और उनकी निगरानी हेतु समुचित बंदोबस्त करने का कार्य चरणबद्ध तरीके से लगातार जारी है। आईटीबीपी को और सक्षम बनाने के लिए पिछले वर्ष 47 सीमा चौकियों और 12 स्टेजिंग कैंप्स के आधारभूत संरचना के निर्माण को स्वीकृति दी गई थी और इसके लिए Manpower हेतु आईटीबीपी की अतिरिक्त वाहिनियों की स्वीकृति के लिए विचार विमर्श अपने आखिरी चरण में है I श्री राय ने कहा किआईटीबीपी को ‘हिमालय का प्रहरी’ कहा जाता है I बल के जवान हिमालय की सुरक्षा के साथ-साथ वहां के निवासियों के मित्र, अभिभावक और संरक्षक की भूमिका निभाते रहे हैं और हर प्रकार की विपदा में वहां के लोगों के साथ खड़े रहते हैंI आईटीबीपी ने प्राकृतिक आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में विपरीत परिस्थितियों के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों में आगे बढ़कर बहुत तत्परता से देशवासियों की सेवा की है।इस साल उत्तराखंड में चमोली के पास सुरंग में फंसे 12 लोगों को आईटीबीपी के राहत एवं बचाव दल ने सुरंग से सुरक्षित बाहर निकाला,साथ ही हिमाचल प्रदेश की आपदाओं में भी राहत और बचाव अभियान संचालित किये हैं जो बहुत प्रशंसनीय है I