महादेव की नगरी के नाम से प्रख्यात विश्व का सबसे पुराना नगर काशी आज एक और इतिहास का साक्षी बन गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने ड्रीम प्रोजेक्ट श्री काशी विश्वनाथ धाम का आज लोकार्पण कर दिया है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की खास बात यह है कि इसे विकसित करने में इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि मंदिर का प्राचीन और मूल स्वरूप बना रहे।मन्दिर के मूल स्वरूप को बरकरार रखते हुए इसे लगभग 5 लाख 27 हजार वर्ग फीट से ज्यादा क्षेत्रफल में इसे विकसित किया गया है। कॉरिडोर को विकसित करते हुए श्रद्धालुओं की सुविधाओं और सहूलियतों का खास ध्यान रखा गया है। तंग गलियों के शहर के जिस मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए पैर रखने तक की जगह नहीं होती थी, वहां अब सुकून के साथ श्रद्धालु समय गुजार पाएंगे। धाम का मंदिर चौक क्षेत्र अब इतना विशाल है कि यहां 2 लाख श्रद्धालु खड़े होकर दर्शन-पूजन कर सकेंगे। इसके चलते अब सावन के सोमवारों, महाशिवरात्रि के दौरान शिव भक्तों को दिक्कत नहीं होगी।
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण के मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज महात्मा गांधी का एक सपना और पूरा हुआ है।योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गांधी ने स्वच्छ व सुंदर काशी का सपना देखा था जिसे आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साकार किया है।
कॉरिडोर के लोकार्पण के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह कॉरिडोर भारत को एक नई और निर्णायक दिशा देगा।प्रधानमंत्री ने कहा कि यह परिसर हमारे सामर्थ्य,हमारे कर्तव्य का साक्षी है।प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर सोच लिया जाए, ठान लिया जाए, तो असंभव कुछ भी नहीं।
मालूम हो कि 1780 में अहिल्याबाई होल्कर के द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनरुद्धार किया गया था उसके बाद अब प्रधानमंत्री मोदी द्वारा काशी विश्वनाथ क्षेत्र का पुनरुद्धार किया गया है।