श्रीनगर। श्रीनगर के जंगल इन दिनों आग की लपटों से घिरे हुए हैं। चारों ओर आसमान में फैली धुंध से साफ पता चल रहा है कि शहर से लेकर ग्रामीण जंगल आग में झुलस रहे हैं। इन सबके बावजूद वन विभाग चैन की नींद सोया हुआ है और पर्यावरण विशेषज्ञ चिंता में नजर आ रहे हैं। जंगलों में लगी आग शहरों के नजदीक भी पहुंच गई है, जिससे गर्मी का ज्यादा ही अहसास लोगों को होने लगा है। लगातार वनाग्नि की घटनाओं में इफाजा हो रहा है सिविल और रिर्जव फारेस्ट में इन दिनों वनाग्नि अपना तांडव दिखा रही है जिसने लाखो की वनसम्पदा को तो खाक किया ही है साथ ही जंगल में रह रहे पशु पक्षी भी वनाग्नि की भेट चढ रहे हैं। अब तक रिर्जव फारेस्ट में 18 वनाग्नि की घटनायें हो चुकी है जिससे 35 हैक्टियर जंगल प्रभावित हुआ है। इसी के साथ सिविल फारेस्ट में रिर्जव फारेस्ट के मुकाबले अधिक वनाग्नि की घटनायें घटी हैं। वहीं वन विभाग का मानना है कि आने वाले दिनों में तापमान में और अधिक वृद्धि होने से वनाग्नि की अधिक घटनायें घट सकती है। ऐसे में वन कर्मियों के साथ फायर वाचर को सर्तक रहकर वनाग्नि को नियंत्रित करने के निर्देश दिये गये हैं। डीएफओ गढवाल वन प्रभाग पौड़ी ने बताया एफ एस आई के जरिये वनाग्नि की सूचना मिलते हुए वनकर्मी मौके पर पहुंचकर वनाग्नि को फेलने से रोक रहे हैं। साथ ही वनाग्नि का मुख्य कारण माने जाने वाली चीड की पत्तियों को भी सडको से हटाया जा रहा है।