उत्तराखण्ड। पिछले एक हफ्ते में उत्तराखंड में बड़े राजनीतिक उठापटक हुए हैं और इनमें से कुछ तो बेहद चौंकाने वाली भी हैं। पिछले एक सप्ताह में हरक सिंह रावत के साथ जो हुआ है उसकी कल्पना हरक सिंह रावत ने शायद सपने में भी नहीं की होगी।शेर-ए-गढ़वाल कहलाये जाने वाले हरक सिंह खुद को और अपने परिवार के लोगों को टिकट दिलाने की मांग पर अड़े थे।जिसके बाद हरक सिंह रावत को अनुशासनहीनता के आरोप में भारतीय जनता पार्टी ने निष्कासित कर दिया था, साथ ही मंत्रिमंडल से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया था। जिसके बाद हरक सिंह रावत कांग्रेस का दरवाजा खटखटाते हुए दिखे, परंतु हरीश रावत के विरोध के कारण हरक सिंह रावत की कांग्रेस में वापसी नहीं हो पाई है। अब यह जानकारी मिल रही है कि दिल्ली के किसी रसूखदार व्यक्ति ने हरक सिंह रावत की भाजपा में बातचीत करा उन्हें भाजपा में वापसी कराने का रास्ता तैयार किया है।
बताया जा रहा है कि हरक सिंह रावत को भाजपा केदारनाथ सीट से चुनाव लड़ा सकती है,हालांकि इस बात की अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई है। भाजपा से निष्कासित होने के बाद हरक सिंह रावत ने लगातार भाजपा के खिलाफ बयान दिए थे परंतु पिछले दिन हरक सिंह रावत ने भाजपा के खिलाफ ना तो कोई बयान दिया और ना ही किसी मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी।प्रत्याशियों की पहली सूची में हरक सिंह रावत के प्रभाव वाली कुछ सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने अभी प्रत्याशी तय नहीं किए हैं, जिससे यह कयास लगाए जा रहे हैं कि हरक सिंह रावत की भाजपा में वापसी हो सकती है और भाजपा उन्हें केदारनाथ सीट से प्रत्याशी बनाकर मैदान में सकती है।