कर्नाटक में भाजपा के अंदर के कथित असंतोष के बीच सीएम बसवराज बोम्मई ने बीएस येदियुरप्पा के पार्टी में प्रमोशन को शुभ संकेत माना है और खुशी जाहिर की है। यही नही पार्टी द्वारा जिम्मेदारी दिए जाने पर येदियुरप्पा को बधाई देने के लिए उनके आवास पर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई समेत वरिष्ठ नेताओं का तांता लग गया। बावजूद इसके मोदी और चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह के जोड़े पर अब सवाल खड़े हो रहे है। इसके कई कारण है जिनमे से एक है इन दोनों जोड़ियों की अवसरवादी राजनीति। आप को बता दे कि पार्टी से जिम्मेदारी दिए जाने के बाद बीएस येदियुरप्पा गदगद जरूर दिख रहे है लेकिन इसी नेता को बीजेपी के आलाकमान ने एक समय दरकिनार किया हुआ था।
Thanks to Hon’ble PM @narendramodi Ji & @BJP4indla President @JPNaddaJi for appointing B.S. Yediyurappa Ji as a Member of BJP National Parliamentary Board. This will boost the morale of @BJP4Karnataka Karykartas & rejuvenate them for upcoming 2023 elections. @BSYBJP pic.twitter.com/ZjRrMFSeqx
— Basavaraj S Bommai (@BSBommai) August 17, 2022
भाजपा की अवसरवादी राजनीत
दरअसल बीजेपी ने 75 और उसके आस-पास के आयु के नेताओं को पार्टी बोर्ड बैठक या समितियों में नामित करना बंद कर दिया था, लेकिन बिहार राज्य में बीजेपी- जेडीयू गठबंधन टूटने के बाद भाजपा को दक्षिण भारत में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिये येदियुरप्पा के पास जाना पड़ा। यही नही कर्नाटक में भाजपा के आंतरिक कलह की भी संभावना जताई जा रही थी, जिसके चलते येदियुरप्पा को बड़ी जिम्मेदारी मिली।
जाने और क्या रहा इस संसदीय बोर्ड में
भाजपा ने अपने संसदीय बोर्ड में बड़ा बदलाव करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान को इससे बाहर कर दिया है। इसके अलावा कुछ और नामों को इससे हटाया गया है। भाजपा संसदीय बोर्ड में अब किसी भी मुख्यमंत्री को नहीं रखा गया है। संसदीय बोर्ड में कुल 11 सदस्यों को रखा गया है, इनमें पार्टी अध्यक्ष के नाते जेपी नड्डा शामिल हैं और वह इसके अध्यक्ष भी हैं। उनके अलावा पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह, बीएस येदियुरप्पा, सर्बानंद सोनोवाल, के. लक्ष्मण, इकबाल सिंह लालपुरा, सुधा यादव, सत्यनारायण जटिया भी इसके सदस्य हैं। वहीं पार्टी के संगठन महामंत्री बीएल. संतोष को भी इसका सदस्य बनाया गया है।
समिति में इन 15 नेताओं को जगह, कई राज्यों को साधा
भाजपा की ओर से नई चुनाव समिति का भी गठन किया गया है। इस समिति में कुल 15 सदस्यों को शामिल किया गया है और पार्टी अध्यक्ष होने के नाते जेपी नड्डा ही इसके मुखिया हैं। इसके अलावा पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह, बीएस येदियुरप्पा, सर्वानंद सोनोवाल, के. लक्ष्मण, इकबाल सिंह लालपुरा, सुधा यादव, सत्यनारायण जटिया, भूपेंद्र यादव, देवेंद्र फडणवीस, ओम माथुर, बीएल संतोष और वनथी श्रीनिवास को इसमें शामिल किया गया है।
योगी, नितिन गडगरी और शिवराज सिंह चौहान को भी लेकर कई कथित चर्चा
योगी, नितिन गडगरी और शिवराज सिंह चौहान को हटाए जाने को लेकर एक चर्चा कई बार सुनने को मिलती है, कथित चर्चा के दौरन मोदी- शाह क जोड़ी पर निशाना साधते हुए कहा जाता है कि पार्टी में किसी भी नेता का कद बढ़ने पर ये जोड़ी उन नेताओं को दरकिनार करने लगती है।