तो मान गए हरक सिंह, काऊ भी माने, कांग्रेस की उम्मीदों पर फिरा पानी

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उत्तराखंड। 2022 विधानसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड में राजनीतिक उठापटक जारी है। हरीश रावत के ट्वीट से पैदा हुए घमासान से कांग्रेस निकली ही थी, कि भाजपा में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने चिंता पैदा कर दी। शुक्रवार को हो रही कैबिनेट बैठक में से हरक सिंह रावत बीच में ही उठ कर चल दिए और इस्तीफा देने की बात कह डाली। जिसके बाद उनके करीबी माने जाने वाले रायपुर विधायक उमेश शर्मा ‘काऊ’ के इस्तीफे की भी खबरें आने लगी,परंतु देर रात तक उत्तराखंड भाजपा के नेता इस्तीफे की खबरों से इनकार करते रहे। और सुबह होते-होते भाजपा नेताओं की बात सही साबित होने लगी और यह तय हो गया कि कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत इस्तीफा नहीं देंगे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि हरक सिंह रावत नाराज नहीं हैं और इस्तीफे का सवाल ही नहीं बनता। वहीं, विधायक उमेश शर्मा ‘काऊ’ ने भी इस बात का दावा किया है कि वो इस्तीफा नही दे रहे हैं। ‘काऊ’ ने कहा कि वह भाजपा के अनुशासित और सच्चे सिपाही हैं जिस कारण इस्तीफे का सवाल ही नहीं होता।
मदन कौशिक ने कहा कि कोटद्वार में मेडिकल कालेज के लिए जल्द शासनादेश जारी होगा।
बताया जा रहा है कि हरक सिंह रावत की नाराजगी के बाद भाजपा के केंद्रीय नेताओं और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरक सिंह रावत से फोन पर बात कर उनको मना लिया है। मुख्यमंत्री ने हरक सिंह रावत को कोटद्वार मेडिकल कालेज का शासनादेश जल्द जारी करने का आश्वासन दिया।
जानकारी के मुताबिक हरक सिंह रावत कोटद्वार मेडिकल कालेज से संबंधित प्रस्ताव कैबिनेट में नहीं लाने से नाराज हो गए थे। इसके बाद उनकी कैबिनेट मंत्री धनसिंह रावत से तीखी बहस भी हो गई, और हरक सिंह रावत कैबिनेट बैठक बीच में छोड़कर ही बाहर आ गए थे।
इधर कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की नाराजगी बढ़ती देख और हरक सिंह रावत के करीबी रायपुर विधायक उमेश शर्मा ‘काऊ’ के इस्तीफे की खबरों से कांग्रेसी खेमा बहुत खुश नजर आ रहा था। कांग्रेसी खेमे को उम्मीद लग रही थी कि भाजपा में जल्दी ही बड़ी टूट होने वाली है जिसका फायदा कांग्रेस को मिलेगा, परंतु सुबह होते-होते कांग्रेस समर्थकों के सारे अरमान धरे के धरे रह गए और भाजपा हरक सिंह रावत को मनाने में कामयाब रही।


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