2022 विधानसभा चुनाव से पहले उत्तराखण्ड में राजनीति बहुत गर्म है।यूँ तो हरीश रावत के बार-बार मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के बावजूद भी काँग्रेस मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित न कर पार्टी के चिह्न पर चुनाव लड़ने की बात कर रही है,परन्तु भाजपा जानती है कि कांग्रेस का मिशन 2022 कहीं न कहीं हरीश रावत के इर्द-गिर्द है इसलिए भाजपा के केंद्रीय नेता हो या प्रदेश के नेता सभी के निशाने पर हरीश रावत ही नजर आ रहे हैं।
अब इन दिनों हरीश रावत अपने बयान के कारण ही मुश्किलों में घिरते नजर आ रहे है।कुछ दिनों पूर्व ही हरीश रावत ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि यदि सरकार 3200 लोगो को रोजगार देने के आंकड़े दिखा दे तो वे राजनीति से सन्यास ले लेंगे,अब सरकार के मंत्री अपने अपने आंकड़े लेकर हरीश रावत को निशाना बना रहे हैं।
बीते दिन ही उत्तराखण्ड सरकार के माध्यमिक शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने अपने विभाग में हुई नियुक्तियों की जानकारी दी तो अब सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल हरीश रावत पर हमलावर हो रहे है।सुबोध उनियाल ने दावा किया है कि 2017-18 से अब तक सरकार ने 25000 से ज्यादा रोजगार दिए है या उनकी प्रक्रिया चल रही है।
सुबोध उनियाल का कहना है कि हरीश रावत जब चाहे तब उसने विभागवार भर्ती का हिसाब ले सकते हैं,जिसके बाद हरीश रावत अपने वायदे के हिसाब से राजनीति से सन्यास ले सकते हैं।
सुबोध उनियाल ने कहा कि सरकारी नौकरियों के अलावा मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना,एमएसएमई,स्टार्टअप,प्रधानमंत्री कृषि विकास योजना व अन्य विभिन्न योजनाओं द्वारा सरकार ने हजारों रोजगार दिए हैं।