उत्तराखंड: निकायों में ओबीसी आरक्षण! एक्ट में बदलाव के बाद अब नियमावली में होगा संशोधन

Spread the love

उत्तराखंड में ओबीसी आरक्षण तय करने में हो रही देरी के कारण अटके निकाय चुनाव का रास्ता अब साफ होने जा रहा है। माना जा रहा है कि एकल आयोग की सिफारिशों को स्वीकारने के बाद अब सरकार 15 दिन के भीतर ओबीसी आरक्षण की प्रक्रिया निपटा देगी। एक्ट में ओबीसी आरक्षण में संशोधन की राजपत्रित अधिसूचना जारी होने के बाद अब कुछेक दिन में उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम) की नियमावली में संशोधन प्रक्रिया पूरी होगी। फिर जिलाधिकारी के स्तर पर आपत्तियां और सुझाव मांगे जाएंगे। इस प्रक्रिया के उपरांत राज्य निर्वाचन आयोग की भूमिका शुरू हो जाएगी।

बता दें कि एक्ट में संशोधन से निकायों में ओबीसी आरक्षण 14 प्रतिशत से अधिक हो जाएगा। एकल सदस्यीय समर्पित आयोग की सिफारिशों के तहत सभी नगर निकायों में मेयर, डिप्टी मेयर, चेयरमैन, पालिकाध्यक्ष, नगर पंचायत अध्यक्ष से लेकर पार्षद, सभासद, वार्ड मेंबर तक की सीटों में इजाफा हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक, नगर निगमों में मेयर का आरक्षण 14 से बढ़कर 18.05 प्रतिशत, नगर पालिकाओं में अध्यक्ष का आरक्षण 14 से बढ़कर 28.10 और नगर पंचायतों में अध्यक्ष का आरक्षण 14 से बढ़कर 38.97 प्रतिशत हो सकता है। कुल सीटों के मुकाबले आरक्षित सीटों की संख्या 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी। राज्य में ओबीसी आरक्षण की एकरूपता होने के कारण चार व पांच प्रतिशत ओबीसी आबादी वाले निकायों में भी 14 फीसदी तक आरक्षण था। एकल समर्पित आयोग की सिफारिश पर हुए संशोधन के बाद अब जिन सीटों पर ओबीसी आबादी अधिक होगी, उसी आधार पर आरक्षण निर्धारित होगा, लेकिन यह 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा।


Spread the love