उत्तराखंड: हैली सेवा के विरोध में सड़कों पर उतरी भीड़! दो लोगों की गिरफ्तारी से बढ़ा आक्रोश

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हेलीकॉप्टर से आदि कैलाश और ओम पर्वत यात्रा के विरोध में आंदोलन कर रहे लोगों में से दो लोगों को गिरफ्तार करने से लोगों में आक्रोश है। गुस्साए लोगों ने कहा कि शांतिपूर्वक आंदोलन चल रहा था, इस तरह गिरफ्तारी करना गलत है। वहीं पुलिस का कहना है कि हेलीकॉप्टर पर पथराव करने और अभद्रता की शिकायत करने पर कार्रवाई की गई है।

व्यास जनजाति संघर्ष समिति, होम स्टे, टैक्सी यूनियन और व्यास घाटी के लोग पिछले तीन दिनों से हेली से आदि कैलाश और ओम पर्वत यात्रा का संचालन करने के विरोध में धरने पर बैठे हैं। लोगों का कहना है कि सोमवार को एसडीएम मंजीत सिंह और सीओ परवेज अली के गुंजी पहुंचने के बाद व्यास जनजाति संघर्ष समिति अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नबियाल और ग्राम प्रधान नपलच्यू नरेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। इससे गुस्साई रं समाज की महिला, पुरुष और जनप्रतिनिधि आक्रोशित होकर बड़ी संख्या में तवाघाट चौराहे पर पहुंचे। यहां उन्होंने पुलिस से बातचीत की। इधर पुलिस दोनों को धारचूला ले आई। कोतवाली के बाहर लोगों का हुजूम एकत्र हो गया। बाद में एसडीएम कोर्ट में मुचलका भरने के बाद दोनों को छोड़ दिया गया है। इसके बाद आक्रोशित लोग शांत हुए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि हेली सेवा का विरोध जारी रहेगा। इधर लोगों के आक्रोश के बाद आदि कैलाश का हेली से संचालन कर रही ट्रिप टू टैंपल कंपनी के वाहन धारचूला लौट गए हैं। सीमांत के पंचायत प्रतिनिधियों ने चीन सीमा से लगे गुंजी गांव में हेली सेवा का विरोध कर रहे आंदोलनकारियों को पुलिस के गिरफ्तार करने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि अगर सरकार के इशारों पर आंदोलनकारियों का उत्पीड़न किया गया तो सीमांत के सभी पंचायत प्रतिनिधि सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे। उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन के कार्यक्रम संयोजक और मुनस्यारी के जिपं सदस्य जगत मर्तोलिया ने कहा कि हेली सेवा शुरू कर सीमांत के लोगों का रोजगार छीना जा रहा है। दिल्ली से वाहनों को बुलाकर बचेखुचे रोजगार को समाप्त किया जा रहा है। इसका लोकतांत्रिक ढंग से विरोध करने वाले आंदोलनकारियों को जबरन आंदोलन स्थल से उठाना मानवाधिकार की हत्या है।

 


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