स्वतंत्रता दिवस से पहले डोडा जिले के अस्सर में बुधवार को हुई भीषण मुठभेड़ में सेना की 48 राष्ट्रीय राइफल के कैप्टन दीपक सिंह वीरगति को प्राप्त हो गए। वह देहरादून के रहने वाले थे। उन्होंने गोली लगने के बावजूद मोर्चा नहीं छोड़ा और सुबह तक फायरिंग कर अपने जवानों को आतंकियों को मार गिराने के लिए प्रेरित करते रहे। उनका पार्थिव शरीर गुरुवार को देहरादून एयरपोर्ट पहुंचा। जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। यहां से बलिदानी का पार्थिव शरीर उनके आवास ले जाया गया।
मुठभेड़ में ग्राम रक्षा समूह (वीडीजी) का एक सदस्य भी घायल हुआ है। जंगल में आतंकियों की मौजूदगी की पुख्ता सूचना के बाद सेना और पुलिस ने मंगलवार देर शाम आपरेशन शुरू किया था। रातभर घेराबंदी के बाद बुधवार तड़के आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच एक बार फिर मुठभेड़ शुरू हो गई। इस दौरान सुरक्षाबलों ने एक पाकिस्तानी आतंकी को मार गिराया। मुठभेड़ के दौरान सेना के कैप्टन दीपक सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें इलाज के लिए सैन्य अस्पताल ले जाया गया, जहां वह वीरगति को प्राप्त हुए। मुठभेड़ के दौरान वीडीजी सदस्य प्यार सिंह निवासी शिवगढ़ अस्सर (डोडा) भी गोली लगने से घायल हुआ है। उसे अस्सर सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।