बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा आज मनाया जाएगा। परेड ग्राउंड, लक्ष्मण चौक, इंदिरा नगर, प्रेमनगर, पटेलनगर में भव्य आयोजन होंगे। पुतला दहन का कार्यक्रम छह बजकर पांच मिनट से रात साढ़े आठ बजे तक चलेगा।
आकर्षक रंगीन लाइट के साथ रावण, मेघनाद कुंभकर्ण के पुतले तैयार किए गए हैं। पुतलों के आंखों व शस्त्र से रोशनी निकलेगी और आतिशबाजी के साथ पुतले दहन किए जाएंगे। इसके अलावा रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुति भी देखने को मिलेगी। देर शाम तक सभी जगह पुतले खड़े कर अंतिम रूप दिया गया। पूरा परिसर रंग-विरंगी लाइटों से जगमगा रहा है। एक महीने से विभिन्न क्षेत्रों में रावण, कुंभकरण व मेघनाथ के पुतलों को तैयार करने में कारीगर जुटे हुए थे। जिन्हें अंतिम रूप देकर देर रात तक खड़ा किया गया। मुख्य रूप से बन्नू बिरादरी दशहरा कमेटी की ओर से परेड ग्राउंड में पुतला दहन किया जाएगा। इसके अलावा धर्मशाला समिति एवं दशहरा कमेटी का दशहरा ग्राउंड प्रेमनगर, लक्ष्मण चौक वेलफेयर सोसायटी व श्रीराम लीला कला समिति का हिंदू नेशनल स्कूल के मैदान, श्री सेवाकुंज समिति का पटेलनगर स्थित शिवालिक इंटरनेशनल स्कूल के मैदान, जबकि सजग सांस्कृतिक समिति की ओर से इंदिरा नगर के एडब्ल्यूएचओ कॉलोनी ग्राउंड में भव्य आयोजन किया जाएगा। देर शाम तक विभिन्न क्षेत्रों में झूले लगाए गए व दुकानें सजाई गईं। देहरादून में दशहरा मेला की परंपरा दशकों पुरानी है, लेकिन रावण परिवार के पुतलों के दहन की शुरुआत बन्नू बिरादरी ने की। यह बिरादरी विभाजन के बाद वर्ष 1948 में आए पाकिस्तान के समूहों का परिवार है, जो दून में बस गए थे। बन्नू बिरादरी दशहरा कमेटी के अध्यक्ष संतोख सिंह नागपाल ने बताया कि इस बार 76वां दशहरा महोत्सव परेड ग्राउंड में भव्य रूप से मनाया जा रहा है। इसकी तैयारी पूरी हो चुकी है। देर रात को पुतलों को सजाया गया। इस बार रावण का पुतला 131 फीट का है और 60-60 फीट के कुंभकरण व मेघनाथ के पुतले खड़े किए हैं। इसके अलावा 35 फीट चौड़ी व ऊंची लंका, लंका के बाहर पहरेदार के रूप में 25-25 फीट के दो राक्षस के पुतले भी पहली बार दिखाई देंगे। रावण के पुतले में 25 क्विंटल लोहा, तीन हजार मीटर शनील का कपड़ा, 500 बैंबू, डेढ़ क्विंटल का फाइबर का मुखौटा बनाया है। 12 गोले पुतले के मुखौटा, हाथ, तलवार, मुकुट आदि में लगाए हैं, जिन्हें बटन दबाकर दहन किया जाएगा।