भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) उत्तराखंड नए उत्पादों के विकास, डिजाइन एवं तकनीक आदि विकसित करने के लिए आईआईटी रुड़की की मदद लेगा। आईआईटी रुड़की भारत सरकार की एमएसएमई इनोवेटिव डिजाइन स्कीम के तहत उद्यमियों को तकनीकी विशेषज्ञों समेत सभी प्रकार की सुविधाएं मुहैया कराएगा।
योजना में आने वाले खर्च का वहन स्कीम के तहत केंद्र सरकार करेगी। आईआईटी से उद्योग संबंधित डिजाइन तैयार कराने के लिए राज्य के कई उद्यमियों ने संपर्क किया है। हाल ही में सीआईआई उत्तराखंड की ओर से एमएसएमई इनोवेटिव स्कीम के बारे में उद्यमियों को जानकारी देने के लिए हरिद्वार में कार्यक्रम किया गया था। इसमें आईआईटी रुड़की की ओर से डीन प्रो. अक्षय द्विवेदी ने जानकारी दी। इसका उद्देश्य भारतीय विनिर्माण क्षेत्र और डिजाइन विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों एवं तकनीशियनों को एक साझा मंच पर एकत्र करना है। ताकि, नए उत्पाद विकास, उत्पादों में निरंतर सुधार, आकर्षक डिजाइन एवं कम लागत में उत्पादों के निर्माण की दिशा में उद्यमियों की मदद की जा सके। प्रो. द्विवेदी ने बताया कि इसमें केंद्र सरकार की ओर से 40 लाख रुपये तक की फंडिंग की जाती है, जो भी उद्यमी इस स्कीम का लाभ लेना चाहते हैं, उसे एमएसएमई के पोर्टल पर जानकारी भरनी होगी। इसके बाद एक कमेटी उनके प्रस्तावों पर विचार कर निर्णय करेगी। आईआईटी रुड़की का डिजाइन इनोवेशन सेंटर चयनित उद्यमियों की सभी प्रकार से मदद करेगा। माना जा रहा है कि इससे सीआईआई से जुड़े करीब 200 उद्यमियों को लाभ मिलेगा। सीआईआई उत्तराखंड के वाइस चेयरमैन सुयश अग्रवाल ने बताया कि स्कीम के तहत राज्य और बाहर के उद्यमियों को तकनीकी समस्याओं के समाधान का बेहतर मौका मिल सकेगा।