उत्तराखंड में उच्च स्तरीय कमेटी ने सीएम धामी को सौंपी चारधाम यात्रा और मेलों के संचालन से जुड़ी रिपोर्ट

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उत्तराखंड में चारधाम यात्रा और मेलों के संचालन को लेकर गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपी गई इस रिपोर्ट में सभी यात्राओं के बेहतर संचालन को लेकर समिति ने अपने सुझाव दिए हैं। इसके बाद अब इस पर सरकार स्तर पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में गठित की गई उच्च स्तरीय समिति ने यात्राओं के संचालन से जुड़ी रिपोर्ट तैयार कर ली है। चारधाम यात्रा शुरू होने के बाद सरकार ने अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन की अध्यक्षता में इस समिति का गठन किया था, ताकि राज्य में तमाम यात्राओं और मेलों के संचालन को सुचारू किया जा सके। इस कमेटी में अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन के अलावा पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे, सचिव वित्त दिलीप जावलकर,एडीजी लॉ एंड ऑर्डर एपी अंशुमन, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे और आईजी गढ़वाल केएस नगन्याल भी शामिल थे। चारधाम यात्रा के दौरान इस बार कपाट खुलने के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु उत्तराखंड पहुंचे थे। इस दौरान खास तौर पर केदारनाथ और यमुनोत्री में अपार संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने से भारी अव्यवस्था भी दिखाई दी थी। राष्ट्रीय स्तर पर सरकार की इस मामले में काफी किरकिरी भी हुई थी। इसी के बाद धामी सरकार ने यात्राओं को सुनियोजित करने के लिए अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन करने के निर्देश दिए थे।

खबर है कि इस कमेटी ने यात्रा प्रबंधन के लिए उत्तराखंड तीर्थ एवं धर्मस्य परिषद बनाने की सिफारिश की है। समिति ने परिषद में तीन समितियां बनाने का भी सुझाव दिया है। इसमें एक समिति नीति नियोजन और मार्गदर्शन के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बनाने का सुझाव है। दूसरी समिति विभागों के समन्वय के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनाए जाने की सिफारिश है। तीसरी कमेटी यात्रा के संचालन और निगरानी के साथ ही बेहतर प्रबंधन के लिए गढ़वाल कमिश्नर की अध्यक्षता में बनाने की सिफारिश की गई है। समिति ने दूसरे कई सुझाव भी दिए हैं जिनमें यात्रा मार्ग पर धारण क्षमता का आकलन किए जाने की भी सिफारिश की गई है। इसमें यातायात और पार्किंग के लिए व्यवस्था बनाने साथ ही यात्रियों के रजिस्ट्रेशन को लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित तंत्र तैयार करने के भी सुझाव दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त यात्रा में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए भी एसओपी तैयार किए जाने की सिफारिश की गई है।


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