उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से वन दरोगा के 316 पदों पर कराई गई भर्ती प्रक्रिया का परिणाम एक बार फिर लटकता दिखाई दे रहा है। परिणाम जारी होने से पहले ही इस संंबंध में आए हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद अभ्यर्थियों की धड़कनें बढ़ गई हैं। इस संबंध में वन विभाग भी अभी कुछ कहने से बच रहा है।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से वन दरोगा के 316 पदों के लिए 11 जून को लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी। इसमें 615 अभ्यर्थियों ने स्थान पाया था। इस मामले में पूर्व में ही वन आरक्षी/ वन बीट अधिकारी संघ के अध्यक्ष हर्षवर्धन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इसमें कहा गया था कि सरकार वन दरोगा के 316 रिक्त पदों को सीधी भर्ती के माध्यम से भर देना चाहती है। इससे वन आरक्षियों की पदोन्नति का अवसर खत्म हो जाएगा। जबकि पूर्व में वन दरोगा के पद 100 प्रतिशत पदोन्नति से भरे जाते थे। सरकार ने वर्ष 2018 में नियमावली में संशोधन कर इस पद को सीधी भर्ती से भरने का निर्णय लिया। इस पर नैनीताल हाईकोर्ट ने वन दरोगा भर्ती मामले में 316 पदों में से 105 पदों को सीधी भर्ती और 211 को पदोन्नति से भरने के आदेश राज्य सरकार को दिए हैं। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद अब संशय की स्थिति बन गई है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मामला बेहद संवेदनशील है, जब तक उनके हाथ में कोर्ट के फैसले की कॉपी नहीं आ जाती है, तब तक वह कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हैं। हाईकोर्ट के आदेश की जानकारी नहीं है। वन विभाग से जो भी निर्देश मिलेंगे, उस हिसाब से वन दरोगा भर्ती का परिणाम जारी किया जाएगा। अभी तक चयन की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। अंतिम चयन सूची जारी करने की तैयारी चल रही है। -एसएस रावत, सचिव, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग