उत्तराखंड: सरकारी विभागों में 10 साल की सेवा पूरी कर चुके अस्थायी कर्मचारी होंगे नियमित! कैबिनेट की सहमति

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उत्तराखंड सरकार के विभिन्न विभागों में 10 साल की सेवा पूरी कर चुके अस्थायी कर्मचारियों के नियमित होने की राह खुल गई है। प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में ऐसे दैनिक वेतन, तदर्थ एवं संविदा कर्मचारियों को 2013 की नियमावली के तहत नियमित करने पर सहमति जताई गई है। इससे 15 हजार अस्थायी कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। नियमितीकरण की कट ऑफ डेट पर आगामी बैठक में प्रस्ताव आएगा।

राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कार्मिक विभाग यह प्रस्ताव लाया था। नैनीताल हाईकोर्ट ने भी प्रदेश सरकार को 2013 की नियमावली के तहत 10 साल की सेवा पूरी करने वाले शेष रह गए अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करने के निर्देश दिए थे। सूत्रों के मुताबिक, कैबिनेट ने प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए 10 साल की सेवा पूरी करने वाले अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करने पर हामी भर दी है। इसके लिए कार्मिक विभाग अलग से एक संशोधित नियमावली ला सकता है। बैठक शुरू होने से पहले कैबिनेट ने शहीद कैप्टन दीपक सिंह की स्मृति में दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की। कैबिनेट ने आज वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अनुपूरक बजट के प्रस्ताव को विधानसभा में रखे जाने को मंजूरी दी। सूत्रों के मुताबिक, 21 अगस्त से शुरू हो रहे गैरसैंण विधानसभा सत्र में सरकार करीब पांच हजार करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश करेगी। यह वित्तीय वर्ष का प्रथम अनूपूरक बजट होगा। बता दें कि प्रदेश सरकार ने जारी वित्तीय वर्ष के लिए 89230.07 करोड़ रुपये का बजट पास किया है। राज्य की सहकारी व सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों के 68 स्थायी कर्मचारियों के आश्रितों को उनकी पात्रता, योग्यता व खाली पदों के आधार पर नौकरी देगी। कैबिनेट ने 12 जून 2018 को चीनी मिलों में मृतक आश्रितों की नियुक्ति पर लगी रोक हटा दी है। 123 सीजनल कर्मचारियों के मृतक आश्रितों पर निर्णय अगली कैबिनेट बैठक में लिया जाएगा।


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