चमोली: हेमकुंड पैदल मार्ग पर अटलाकोटी से गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब के बीच शीतकाल में क्षतिग्रस्त हुई 1160 सीढ़ियों की मरम्मत कर ली गई है। इससे यात्रा सुगम हो गई है और श्रद्धालुओं को लगभग डेढ़ किमी कम चलना पड़ रहा है। मानसून के सुस्त पड़ने के बाद यात्रा ने गति भी पकड़ ली है। प्रतिदिन 800 से अधिक श्रद्धालु गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर में माथा टेकने पहुंच रहे हैं। इस बार 20 मई को हेमकुंड साहिब के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए थे। अब तक 1,54,787 श्रद्धालुओं ने गुरु दरबार साहिब में हाजिरी लगाकर माथा टेका है। घांघरिया से हेमकुंड के बीच पांच किमी पैदल मार्ग शीतकाल में क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसका इन दिनों तेजी से सुधारीकरण चल रहा है। घांघरिया से दो किमी आगे अटला कोटी है। यहां से हेमकुंड के लिए दो पैदल मार्ग हैं। पहला मार्ग समतल है, जिसकी लंबाई तीन किमी है। दूसरा मार्ग सीढ़ियों वाला है, जिसमें डेढ़ किमी चलना पड़ता है। गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि इस मार्ग पर 1160 सीढ़ियां हैं, जिनकी मरम्मत के बाद अधिकांश तीर्थयात्री इसी मार्ग से आवाजाही कर रहे हैं।