जुनून के आगे सब संभव है। यह बात गुजरात के सूरत में रहने वाले कागद अशोक जीना भाई और उनकी आठ साल की बेटी कृष्णा पर सटीक बैठती है। पिता-पुत्री की जोड़ी गुजरात से साइकिल पर बदरी-केदारनाथ धाम की यात्रा पर आई है। ये दोनों अपने लिए नहीं, बल्कि गुजरात के समाजसेवी नितिन जानी के लिए प्रार्थना करने के लिए यात्रा पर निकले हैं। नितिन गरीबों के लिए मकान बनाते हैं। आठ साल की कृष्णा उनसे बहुत प्रभावित है और उसी ने पिता से देश के प्रसिद्ध मंदिरों में जाकर प्रार्थना करने की इच्छा जताई थी।
बच्ची की इच्छा को देखकर पिता के कदम आगे बढ़े और वह साइकिल से ही द्वारिका से लेकर केदारनाथ, बदरीनाथ सहित देश के कई मंदिरों की यात्रा पर निकल पड़े। रविवार को श्रीनगर पहुंचे कृष्णा और जीना भाई ने सोमवार को धारी देवी मंदिर के दर्शन किए। यहां से वह केदारनाथ की यात्रा पर निकल गए। कृष्णा ने बताया, वह अभी तीसरी कक्षा में पढ़ती है। पिता के साथ यात्रा करने में उसे आनंद आ रहा है। बताया, साइकिल संग ही वह पैदल भी यात्रा कर रही हैं। इस दौरान उन्हें थकान का अनुभव नहीं होता है। कागद अशोक जीना भाई ने बताया, वह गुजरात के साजियावादर गांव के निवासी हैं और वर्तमान में सूरत के हीराबाग में रहते हैं। वह वहां एंब्रायडरी कंपनी में मैनेजर हैं। बताया, कृष्णा गुजरात के प्रसिद्ध समाजसेवी नितिन जानी के कार्याें से बेहद प्रभावित है। बेटी ने ही उनसे कहा था कि नितिन गरीबों के लिए इतना काम करते हैं, इसलिए हम उनके लिए मंदिरों में जाकर भगवान से प्रार्थना करेंगे। बताया, 20 अप्रैल को उन्होंने यात्रा शुरू की। सूरत से द्वारिका होते हुए वह हरिद्वार से ऋषिकेश को निकले व अब केदारनाथ के लिए जा रहे हैं। बताया, केदारनाथ के बाद वह बदरीनाथ जाएंगे। वहां से वापसी में अयोध्या, पशुपतिनाथ, जगन्नाथपुरी, रामेश्वरम तक की यात्रा करेंगे। बताया, वह पहली बार गुजरात से बाहर निकले हैं और यात्रा के दौरान उत्तराखंड के लोगों का उन्हें असीम प्यार व सहयोग मिल रहा है।