उत्तराखंड: मौसम की बेरुखी से बर्बाद होने की कगार पर फसलें! किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें

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उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी ना होने से किसानों के चेहरे मुरझाए हुए हैं। किसानों का कहना है कि समय से बारिश नहीं हुई तो उनकी फसल बर्बाद हो सकती है। वहीं उद्यान विभाग ने कर्मियों को सूखे जैसी स्थिति सामने आने पर सिंचाई की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।

उत्तराखंड में इस बार खेती-बागवानी के लिए मौसम बेरहम बना हुआ है। रबी के फसल के साथ पहाड़ के सेब,पुलम, खुबानी की पैदावार पर भी संकट मंडरा रहा है। बारिश और बर्फबारी नहीं होने से फसल सूखने लगी है। पहाड़ों पर बागवानी और खेत पर मौसम का असर साफ देखने को मिल रहा है। पूरे शीतकाल में बारिश सामान्य से 80 फीसद कम हुई और जनवरी माह में ही पहाड़ों का तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। जिससे फसलों का उत्पादन प्रभावित होने की आशंका है। लंबे समय से बारिश और बर्फबारी नहीं होने से किसानों को फसल खराब होने की चिंता सताने लगी है। बर्फबारी और बारिश नहीं होने के कारण कुमाऊं मंडल के साथ पहाड़ों पर सूखा पड़ना शुरू हो गया है। किसानों और मंडी कारोबारी का कहना है कि समय पर बर्फबारी और बारिश न होने से सेब बागवानी और मटर व गेहूं की फसल को भारी नुकसान होने की आशंका बनी हुई है। काश्तकारों के अनुसार रबी की फसल और पहाड़ों के सेब, नाशपाती सहित अन्य फलों के लिए के लिए जनवरी माह में बारिश और बर्फबारी बेहद जरूरी है। ऐसा न होने पर उत्पादन में गिरावट और गुणवत्ता में भी कमी आने की आशंका बनी हुई है। वहीं कृषि और उद्यान विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बारिश बर्फबारी नहीं होने पर पहाड़ के फसलों को नुकसान होने की संभावना जताई गई है। जिसको देखते हुए सभी कृषि अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है कि कहीं भी सूखे जैसी स्थिति सामने आती है तो वहां पर सिंचाई के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कराई जाए।

 


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