ब्रिटेन को नया प्रधानमंत्री मिल गया। कंजर्वेटिव पार्टी की दक्षिणपंथी प्रत्याशी लिज ट्रस ने भारतीय मूल के ऋषि सुनक को 20 हजार 927 वोट हरा दिया है। आइए जानते हैं शुरुआत में आगे चलने वाले तगड़े दावेदार सुनक क्यों हारे?
ब्रिटिश मीडिया इसकी कई वजहें बता रहा है। इनमें से दो अहम हैं।
पहली: पत्नी अक्षता के पास ब्रिटेन की नागरिकता न होना। दूसरी: कंजर्वेटिव पार्टी के ज्यादातर ब्रिटिश मेंबर्स अपने ही देश के नागरिक को प्रधानमंत्री बनाना चाहते थे।
जॉनसन का तख्तापलट
कंजर्वेटिव पार्टी के ज्यादातर सांसद सुनक के फेवर में थे। बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के बाद सुनक ने सबसे पहले प्रधानमंत्री पद का दावा ठोका। ‘रेडी फॉर ऋषि’ कैम्पेन से बढ़त बनाई। साजिद जाविद, नदीम जवाहिरी और आखिर में मॉरडेंट रेस से बाहर हुईं। ट्रस रेस में सबसे आखिर में शामिल हुईं और वक्त के साथ सबसे आगे निकल गईं।
‘द गार्डियन’ के एडिटोरियल के मुताबिक, ट्रेड मिनिस्टर के तौर पर इस्तीफा देने के बाद सुनक की रेटिंग काफी हाई थी, लेकिन कुछ कंजर्वेटिव सांसद और पार्टी मेंबर्स मान रहे थे कि सुनक की वजह से ही जॉनसन को इस्तीफा देना पड़ा। उन्हें पीठ में छुरा घोंपने वाला तक कहा गया।
इसी एडिटोरियल में कहा गया- सुनक ही वो शख्स थे, जिन्होंने बोरिस जॉनसन का एक तरह से तख्तापलट किया। वो भी तब जबकि जॉनसन ने ही सुनक के पॉलिटिकल करियर को आगे बढ़ाया था। इससे लोगों में नाराजगी थी।
‘द गार्डियन’ के मुताबिक, कोरोना के दौर में सुनक ने ब्रिटिश इकोनॉमी को तबाह होने से बचाया। बहुत कम बोलने वाले और शांत मिजाज के सुनक फेवरेट जरूर हैं, लेकिन ट्रस पीछे नहीं हैं। जॉनसन भी लिज के फेवर में ही हैं।
दरअसल, ब्रिटेन में सुनक की छवि जॉनसन की गद्दी हथियाने वाले की बनी है। सुनक ने ही जॉनसन के खिलाफ इस्तीफा देकर बगावत शुरू की थी। कुछ दिन पहले बोरिस जॉनसन ने सुनक के खिलाफ ‘बैक एनीवन बट ऋषि’ नाम का सीक्रेट कैम्पेन भी शुरू किया था।
लोकप्रियता कम क्यों होती गई?
‘द संडे टाइम्स’ के मुताबिक, कैम्पेन के शुरुआती दौर में एक वीडियो सामने आया। आरोप लगा कि सुनक ने शहरी इलाकों के लोगों से कैम्पेन के लिए आर्थिक मदद ली। कहा गया कि पत्नी अक्षता तो ब्रिटिश क्वीन एलिजाबेथ से भी अमीर हैं। उनके पास 430 लाख पाउंड के एसेट्स हैं।
पिछले महीने विपक्षी लेबर पार्टी ने एक बयान में कहा- सुनक और पत्नी को बिजनेस और लोन्स के बारे में ज्यादा ट्रांसपेरेंट होना चाहिए। ‘द गार्डियन’ ने लिखा- सुनक बताएं कि क्या उनके पास 730 लाख पाउंड के एसेट्स हैं। अगर ये सही है तो वो ब्रिटेन के सबसे अमीर सांसद हैं। अक्षता के इन्फोसिस जैसी कंपनी में 690 लाख पाउंड के 0.93% शेयर हैं।
‘द इंडिपेंडेंट’ ने लिखा- अक्षता सिर्फ इतना बताएं कि उन्होंने अब तक ब्रिटिश सिटिजनशिप क्यों नहीं ली? वो यहां से बिजनेस तो ऑपरेट करती हैं, लेकिन नॉन डोमिसाइल स्टेटस का नाजायज फायदा उठाकर टैक्स भरने से बच जाती हैं। इससे ब्रिटेन को 20 लाख पाउंड का हर साल नुकसान होता है।
कुछ खबरों के मुताबिक, सुनक जब अमेरिका से ब्रिटेन लौटे तो उन्होंने वहां का ग्रीन कार्ड सरेंडर नहीं किया। 2006 से 2009 तक वो अमेरिका में काम करते रहे। कैलिफोर्निया में अब भी उनका 5 लाख पाउंड का आलीशान पेंटहाउस है।
पार्टी के लिए मुसीबत बने
‘द गार्डियन’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन के लोग दोहरी नागरिकता रख सकते हैं, लेकिन सुनक जैसे बड़े नेता के लिए इसे अच्छा नहीं माना गया। कंजर्वेटिव पार्टी भी दोहरी नागरिकता के मुद्दे पर अपने नेता का बचाव नहीं कर सकी।
कंजर्वेटिव पार्टी के सांसदों की एक रिपोर्ट में कहा गया था- सुनक के लिए पत्नी के टैक्स से जुड़े मामलों का बचाव करना मुश्किल है। कुछ लोगों को लगता है कि वो बहुत लंबे वक्त तक ब्रिटेन में नहीं रहना चाहते।
इन आरोपों से खुद सुनक तनाव में थे। पिछले दिनों उन्होंने माना था कि चांसलर बनने के 18 महीने बाद तक उनके पास अमेरिकी ग्रीन कार्ड था। हालांकि उनका दावा था कि अक्टूबर 2021 में उन्होंने यह स्टेटस लौटा दिया।
‘द मिरर’ के एडिटोरियल में लिखा गया- ऋषि उलझे हुए शख्स हैं। उन्होंने गरीबों पर तो टैक्स का बोझ डाल दिया, लेकिन पत्नी अक्षता को अब तक टैक्स के दायरे में नहीं ला सके। यह दोहरा मापदंड और ‘नो-टैक्स स्कैंडल’ है। 40 साल में पहली बार इतनी महंगाई है।
आइए अब जानते हैं कि ऋषि सुनक कौन हैं?
ऋषि सुनक के पेरेंट्स पंजाब के रहने वाले थे, जो विदेश में जाकर बस गए। सुनक का जन्म ब्रिटेन के हैंपशायर में हुआ था। ऋषि ने अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से MBA किया है। उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से राजनीति, दर्शन और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की। राजनीति में आने से पहले ऋषि ने इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैश और हेज फंड में काम किया। इसके बाद उन्होंने इन्वेस्टमेंट फर्म की भी स्थापना की। उनकी मां एक फार्मासिस्ट और राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (MHS) में कार्यरत हैं। सुनक के पिता ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। ऋषि भारतीय सॉफ़्टवेयर कंपनी इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद हैं। ऋषि की पत्नी अक्षता मूर्ति हैं। दोनों की 2 बेटियां हैं, जिनके नाम कृष्णा और अनुष्का हैं। उनकी शादी साल 2009 में हुई थी। ऋषि की पत्नी अक्षता मूर्ति हैं। दोनों की 2 बेटियां हैं, जिनके नाम कृष्णा और अनुष्का हैं। उनकी शादी साल 2009 में हुई थी।