दुनिया के कई देशों की अर्थव्यवस्था डूबने के कगार पर है. चीन के कर्ज (Chinese Loan) ने कई देशों की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह से अपने शिकंजे में दबोच लिया है. ऐसे में वहां की स्थिति भी श्रीलंका जैसी दुखद और गंभीर हो सकती है.
वजह एक खतरे अनेक
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक (Bloomberg Report) दुनिया के कई उभरते बाजारों और विकासशील देशों की इकॉनमी पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है. इसकी वजह कुछ और नहीं बल्कि इन देशों का विदेशी कर्ज न चुका पाना है. इसी कर्ज (Loan) की वजह से श्रीलंका (Sri Lanka) तो लंबे समय से आर्थिक अस्थिरता से ग्रस्त रहा है.
अरबों-खरबों रुपयों की देनदारी के संकट से गुजर रहे देशों में श्रीलंका पहला ऐसा देश था जिसने इस साल 2022 में अपने विदेशी बांडधारकों का भुगतान बंद कर दिया था. ये फैसला इसलिए हुआ होगा क्योंकि यहां के राजनेताओं ने देश में खाने पीने के सामान की कमी के साथ लगातार गहरा रहे ईंधन के संकट (Fuel Crisis) का अंदाजा लगा लिया होगा. इस वजह से श्रीलंका के लोगों में देश की सरकार के प्रति आक्रोश लगातार बढ़ता गया.
इन देशों पर संकट के बादल
अद्रश्य खतरे का सामना कर रहे ये वो देश हैं जिन्हें ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में ऐसा डिफाल्टर माना गया है जो अपना कर्ज चुकाने की स्थिति में नहीं हैं. इस सूची में इन देशों में अल सल्वाडोर (El Salvador), घाना (Ghana), मिस्र (Egypt), ट्यूनीशिया (Tunisia), केन्या (Kenya) और पाकिस्तान (Pakistan) जैसे कई देश शामिल है.