उत्तराखंड: बिजली संकट से तीन से चार घंटे तक करनी पड़ रही कटौती! अरुणाचल और हरियाणा की कंपनियों से मिली राहत

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सर्दी में बिजली किल्लत से जूझ रहे यूपीसीएल को अरुणाचल व हरियाणा की कंपनियों से राहत मिली है। इनसे यूपीसीएल फरवरी तक 200 मेगावाट माहवार बिजली लेगा, यह बिजली जून से सितंबर के बीच इन कंपनियों को लौटा देगा। इस पर नियामक आयोग ने मंजूरी दे दी है।

राज्य में इस साल बर्फबारी न होने का असर बिजली आपूर्ति पर नजर आने लगा है। किल्लत के बीच कटौती बढ़ती जा रही है। कुल बिजली की मांग 4.54 करोड़ यूनिट से ऊपर जा रही है जबकि इसके सापेक्ष उपलब्धता 4.5 तक हो रही है। इससे हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर जिलों में जहां दो से तीन घंटे की कटौती हो रही है तो लंढौरा, मंगलौर, लक्सर, बहादराबाद, ढकरानी, सेलाकुई, सहसपुर, विकासनगर, डोईवाला, कोटद्वार, ज्वालापुर, जसपुर, किच्छा, खटीमा, रामनगर, गदरपुर, बाजपुर जैसे छोटे कस्बों में भी एक से दो घंटे की कटौती की जा रही है। वहीं, रुड़की, काशीपुर में भी एक से दो घंटे की कटौती हो रही है। इस किल्लत का मुकाबला करने के लिए यूपीसीएल लगातार कवायद कर रहा है। यूपीसीएल के निदेशक प्रोजेक्ट अजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि अरुणाचल की कंपनी एपीपीसीपीएल और हरियाणा की कंपनी तीन महीने तक माहवार 200 मेगावाट बिजली उत्तराखंड में बैंक करेंगे। उन कंपनियों के पास बिजली की उपलब्धता ज्यादा रहती है। जून से सितंबर के बीच यूपीसीएल आसानी से बिजली लौटा सकता है। लिहाजा, एपीपीसीपीएल को 104 प्रतिशत व हरियाणा को 105 प्रतिशत बिजली लौटा दी जाएगी। फिलहाल बिजली किल्लत से कुछ राहत मिलेगी।


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