गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब के कार सेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह को मारी गोली! पंजाब, हरियाणा के नहीं बल्कि लोकल स्तर के हो सकते हैं बाबा के कातिल

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गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब के कार सेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह को आज सुबह लगभग 6:15 से 6:30 बजे मोटरसाइकिल पर सवार दो अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया।

उन्हें तुरंत खटीमा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। चिकित्सकों के अनुसार उन्हें तीन गोलियां लगी हैं जिसमें एक पेट एक कलाई और एक हाथ में लगी है। फिलहाल इस वारदात के बाद पुलिस अब आरोपियों की पहचान में जुट गई है इधर इस वारदात के बाद मौक़े पर लोगों की काफी भीड़ है और तरह तरह के क़यास लगाए जा रहे हैं। वहीं घटना से आक्रोशित सिख समाज के लोगों का कहना है कि एक सेवा कार करने वाले बाबा कि उनके ही डेरे पर आकर खुलेआम हत्या कर देना कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है। उनकी मांग है कि जल्द से जल्द हत्यारों को पकड़ कर न्याय दिलाया जाए। वहीं बाबा की हत्या कर भागने वाले हत्यारों की सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गए हैं जिसके आधार पर हत्यारों की तलाश शुरू कर दी गई है। पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टीसी ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि सुबह लगभग 6:15 से 6:30 के बीच इस घटना को अंजाम दिया गया है। सीसीटीवी फुटेज एवं प्रत्यक्ष दर्शियों के बयान के आधार पर हत्यारों की पहचान करने की जा रही है जिसके लिए स्थानीय लोगों एवं आम जनता से भी मदद की अपील की जा रही है।

गुरुवार को तराई भाबर को दहला देने वाली डेरा प्रमुख बाबा तरसेम की हत्याकांड में शामिल शूटर पंजाब या फिर हरियाणा के नहीं, बल्कि लोकल स्तर के प्रतीत हो रहे है। जारी वीडियो और फोटो में शूटरों का हाल ए हुलिया से आशंका जताई जा सकती है कि शूटर साधारण सिख है। इसके अलावा अक्सर देखा गया है कि अदातन या प्रोफेशनल हत्यारे कभी भी राइफल जैसे हथियारों का प्रयोग नहीं करते है। गुरुवार की सुबह छह बजे के करीब डेरा प्रमुख बाबा तरसेम की हत्याकांड के तीन घंटे बाद पुलिस द्वारा जारी वीडियो में साफ तौर पर दिख रहा है कि हत्यारे चप्पल पहने हुए है और उसका हुलिया बिल्कुल साधारण परिवार से प्रतीत हो रहा है। इसके अलावा एक शूटर के पैर में गरम पट्टी भी बंधी हुई है और बाइक के पीछे एक बैग बंधा हुआ है। इन सभी बातों पर ध्यान दें तो प्रबल आशंका है कि हत्यारे पंजाब व हरियाणा के नहीं है, बल्कि यूपी सीमावर्ती इलाके के हो सकते हैं। गौर करने वाली बात यह है कि जिस प्रकार बाइक के पीछे बैठे महज एक पगधारे युवक ने 315 बोर नुमा राइफल पकड़ी है और उसी से दो गोलियां मार कर हत्या की। अक्सर चर्चित या फिर हाईप्रोफाइल हत्याकांड में देखा गया है कि शूटर 32 बोर की दर्रे वाली पिस्टल या रिवाल्वर का इस्तेमाल करते हैं। कभी भी राइफल या बंदूक का इस्तेमाल करते हुए प्रोफेशनल शूटरों को नहीं देखा गया है। वहीं गुरुवार की सुबह जितनी आसानी से धीमी गति में शूटरों ने डेरा परिसर में प्रवेश किया उससे यह भी आशंका जताई जा सकती है कि शूटर इससे पहले भी कई बार डेरा परिसर में आ चुके हैं। उन्हें सटीक जानकारी थी कि बाबा सुबह के वक्त बाहर बैठकर अपनी दिनचर्या की शुरुआत करते है और उस वक्त उनके आसपास कोई भी सेवादार नहीं होता है। इन सभी बारीकियों पर गौर करने पर आशंका है कि शूटर बाहरी नहीं, बल्कि सीमावर्ती या फिर लोकल स्तर का हो सकता है।

 


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