बिग ब्रेकिंगः आरजेडी के पूर्व सांसद को उम्रकैद की सजा! 1995 में हुए डबल मर्डर केस में है दोषी

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नई दिल्ली। आरजेडी के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। प्रभुनाथ सिंह को 1995 में हुए डबल मर्डर केस में यह सजा सुनाई गई है। बता दें कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें इस मामले में दोषी करार दिया था। साथ ही सजा को लेकर फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने प्रभुनाथ सिंह और बिहार सरकार को को आदेश दिया है कि वह पीड़िता को दस लाख रुपये का मुआवजा दे। प्रभुनाथ सिंह अभी एक दूसरे मर्डर केस में हजारीबाग जेल में सजा काट रहे हैं।

सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस एएस ओका और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने प्रभुनाथ सिंह और बिहार सरकार को इस मामले में दोनों मृतक पीड़ितों के परिवारों को अलग 10 लाख रुपये देने का आदेश दिया साथ ही एक घायल पीड़ित को पांच लाख रुपये देने के लिए कहा है। प्रभुनाथ सिंह सुनवाई के दौरान वर्चुअली तरीके से झारखंड की हज़ारीबाग़ जेल से पेश हुए। जहां वह वर्तमान में एक अन्य हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। 2017 में एक ट्रायल कोर्ट ने उन्हें 1995 में विधायक अशोक सिंह की हत्या के मामले में दोषी पाया था, जिन्होंने 1995 के बिहार विधानसभा चुनाव में पूर्व सांसद को हराया था। प्रभुनाथ सिंह ने चुनाव नतीजे आने के 90 दिनों के अंदर उन्हें खत्म करने की धमकी दी थी।

प्रभुनाथ सिंह की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और आर बसंत ने दलील दी कि उनके मुवक्किल को मौत की सजा नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि यह ऐसा मामला नहीं है जो “दुर्लभ से दुर्लभतम” अपराध की श्रेणी में आएगा। वकीलों ने कहा कि निचली की दो अदालतों द्वारा सिंह को बरी किए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया है। उन्होंने सजा सुनाते वक्त सुप्रीम कोर्ट को इस पर ध्यान देना जरूरी है।

वहीं वकीलों ने पीठ को सूचित किया कि सिंह ने 18 अगस्त को दोषी ठहराए जाने के आदेश के खिलाफ समीक्षा याचिका भी दायर की है। सिंह को दोषी ठहराते हुए अपने 18 अगस्त के फैसले में शीर्ष अदालत ने इस बात पर अफसोस जताया था कि एक आपराधिक मुकदमे में तीन मुख्य हितधारक- जांच अधिकारी, बिहार राज्य की पुलिस और सरकारी वकील और न्यायपालिका। सभी अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में पूरी तरह से विफल रहे।


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